Saturday, November 9, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाभारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे फिंगर- 4 को लिया अपने...

भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे फिंगर- 4 को लिया अपने कब्जे में: चीन को दादागिरी का मिलेगा मुँहतोड़ जवाब

यह कई पठारों का हिस्सा है जिसे भारतीय सेनाओं ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ कब्जे में किया। इस कदम से चीनी सेना के मुकाबले भारतीय सेना की स्थिति और भी मजबूत हो गई है।

भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव लगातार जारी है। इस बीच भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे फिंगर- 4 पर ऊँचाई वाली जगह को अपने कब्जे में लेकर चीन के सामने अपनी स्थिति को और मजबूत कर दिया है। भारतीय सेना पूरी मजबूती से चीन की दादागिरी को करारा जवाब दे रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह कई पठारों का हिस्सा है जिसे भारतीय सेनाओं ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ कब्जे में किया। इस कदम से चीनी सेना के मुकाबले भारतीय सेना की स्थिति और भी मजबूत हो गई है।

उत्तर बैंक पर नई कब्जे वाली ऊँचाइयों के साथ, भारतीय सशस्त्र सेना फिंगर 4 क्षेत्र के उभाड़ (RIDGE) पर चीनी स्थिति को नजरअंदाज कर सकती है। चीन पिछले कुछ हफ्तों से फिंगर 4 के पास अपनी स्थिति मजबूत करने में लगा है। हालाँकि चीन ने अभी भी फिंगर 4 के मुख्य रिजलाइन पर नियंत्रण बनाए रखा है, लेकिन भारतीय सेना ने चीन की बढ़ते दबाव को देखते हुए आस-पास की ऊँचाइयों पर अपनी पोजीशन बना ली है।

भारत ने पिछले कुछ हफ्तों में अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए दक्षिण बैंक की महत्वपूर्ण ऊँचाइयों पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद लद्दाख की सीमा पर 29-30 अगस्त की रात को पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र के दक्षिणी तट की ओर से चीनी सैनिकों ने घुसपैठ करने की कोशिश की थी। हालाँकि भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को खदेड़ कर उनके नापाक इरादों को नाकाम कर दिया था।

पैंगोंग त्सो के उत्तरी किनारे पर आठ रिगलाइन हैं, जिन्हें फिंगर्स के रूप में जाना जाता है। भारत का दावा है कि LAC फिंगर 8 से गुजरती है, लेकिन चीन इससे असहमत है और फिंगर 4 तक के क्षेत्र का दावा करता है। भारत में फिंगर 4 के पश्चिम में एक शिविर स्थित है।

पिछले कुछ हफ्तों में झील के दोनों किनारों पर भारी तैनाती के साथ भारतीय सेना ने अपनी फोर्स और बचाव को मजबूत किया है। चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को पहाड़ की ऊँचाइयों से विस्थापित करने के लिए कई प्रयास किए हैं, जिन्हें भारतीय बलों ने नाकाम कर दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने भारतीय सेना की तुलना करते हुए करीब क्षेत्र में करीब 50,000 कर्मियों को तैनात किया है। दोनों देशों का मौजूदा फोकस पैंगोंग त्सो पर है। वहीं एलएसी के साथ अन्य संघर्ष बिंदुओं पर भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘मैं हिंदू हूँ इसलिए प्रोफेसर एहतेशाम 3 साल से जान-बूझकर कर रहे हैं फेल’: छात्रा के आरोप पर AMU का दावा- नकल करते पकड़ी...

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) की एक हिन्दू छात्रा ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम ना होने के कारण उसे लगातार फेल किया जा रहा है।

लोकसभा की तरह महाराष्ट्र चुनाव में भी ‘वोट जिहाद’ की तैयारी, मुस्लिमों को साधने में जुटे 180 NGO: रोहिंग्या-बांग्लादेशियों के बढ़ते दखल पर TISS...

महाराष्ट्र में बढ़ती मुस्लिमों की आबादी का परिणाम क्या होता है ये मई-जून में हुए लोकसभा चुनावों में हमने देखा था। तब भी मुस्लिमों को इसी तरह एकजुट करके वोट कराया गया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -