केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्यमंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने खुलासा किया है कि भारत ने चीन के कई सैनिकों को पकड़ा था लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। ‘एबीपी न्यूज़’ को इंटरव्यू देते हुए उन्होंने ऐसा कहा। जनरल सिंह ने कहा कि पिछले सप्ताह गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुए संघर्ष के दौरान ऐसा हुआ था। हालाँकि, चीन की तरफ से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है।
बता दें कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि चीन ने भारत के 10 जवानों को पकड़ लिया था, जिन्हें बाद में छोड़ा गया। बाद में ख़ुद चीन ने ही इस दावे को नकार दिया था। बावजूद इसके कई प्रपंची पत्रकारों और नेताओं ने सरकार को घेरते हुए आरोप लगाए थे कि देश को इस सम्बन्ध में कुछ नहीं बताया गया। उन्होंने मोदी सरकार पर जानकारी छिपाने के आरोप लगाए थे।
गाजियाबाद से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए वीके सिंह ने गलवान घाटी संघर्ष को लेकर जानकारी दी कि इस झड़प में चीन के दोगुने सैनिक मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए हैं तो चीन के इससे ज्यादा सैनिक मारे गए हैं लेकिन चीन कभी भी सार्वजनिक रूप से इस बात को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने ध्यान दिलाया कि चीन में हर चीज छुपाई जाती है। हमारे सैनिकों ने बदला लेकर बलिदान दिया है।
ज्ञात हो कि लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत अब स्थिति की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को बढ़ा रहा है। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक ख़बर के अनुसार, भारत ने अपने फॉरवर्ड बेसेज पर फाइटर जेट्स और हेलिकॉप्टर्स को आगे बढ़ाया है, तैनाती में तेज़ी लाई है। ‘लाइन ऑफ एक्चुअल कण्ट्रोल’ की सीमा 3488 किलोमीटर लम्बी है, जहाँ विभिन्न बिंदुओं पर भारत ने सेना और अस्त्रों की तैनाती की है।
बंगाल की खाड़ी वाले इलाक़े में भी नौसेना के वॉरशिप्स की तैनाती की गई है। फॉरवर्ड बेसेज पर चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलिकॉप्टर्स और अपाची हेलिकॉप्टर्स की तैनाती की गई है। आगे होने वाले किसी भी हमले और हिंसा की स्थिति को रोकने के लिए जिन हेलिकॉप्टरों को तैनात किया गया है, उसके साथ सेना के कई जवान भी गए हैं। ऊँचे इलाक़ों में होवित्जर को तैनात किया गया है। वायुसेना पूरी तरह तैयार है।