पुलवामा हमले के बाद भारत द्वारा किए गए ‘एयर स्ट्राइक’ के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमे उसके एक लड़ाकू विमान एफ-16 को मार गिराया गया। इस प्रक्रिया में एक भारतीय पायलट पाकिस्तान के कब्ज़े में आ गया। पाकिस्तान ने हिरासत में लिए गए पायलट का वीडियो सोशल एमडीए पर वायरल कर दिया, जिसके बाद लोगों ने उसे जेनेवा कॉन्वेंशन का पालन करने की हिदायत दी। इसके अनुसार, युद्धबंदियों (POW) के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार नहीं होना चाहिए। उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। साथ ही सैनिकों को कानूनी सुविधा भी मुहैया करानी होती है।
पाकिस्तान की हवाई घुसपैठ मिलिटरी के ठिकानों पर हमला था। हमारे पायलट के साथ भी वहां बुरा व्यवहार किया गया जो जिनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन हैः रक्षा मंत्रालय के अधिकारी
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) February 28, 2019
सबसे पहली बात तो यह कि भारतीय पायलट को पाकिस्तानी सेना दुबारा हिरासत में लिए जाने वाला वीडियो वायरल कर पाकिस्तान ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली। पाकिस्तानी अधिकारी पहले भी दावा कर चुके हैं कि हिरासत में लिए गए पायलट के साथ इज्ज़त वाला व्यवहार किया जाएगा। बाद में वायरल हुए एक वीडियो में यह दिखाने की कोशिश भी की गई की पायलट सकुशल हैं और चाय पी रहे हैं। असल में, इस मामले में पाकिस्तान के हाथ बँध चुके हैं। लेकिन फिर भी पाकिस्तान ने एक अंतिम प्रयास करते हुए हिरासत में लिए गए पायलट को भारत के साथ मोलभाव करने के लिए इस्तेमाल करना चाहा।
Sources: Pakistan is trying to create a Kandahar type pressure but India will not give in, there will be no deal or talks on Wing Commander #AbhinandanVartaman‘s release. https://t.co/UdYTZwhxHg
— ANI (@ANI) February 28, 2019
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने यह साफ़ कर दिया है कि पाकिस्तान के मिलिट्री ठिकानों पर घुसपैठ के बदले उसने भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। भारतीय पायलट से बुरे व्यवहार को लेकर मंत्रालय ने पाकिस्तान पर जेनेवा कन्वेंशन के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। इन सबसे पाकिस्तान बैकफुट पर नज़र आ रहा है क्योंकि भारतीय पायलट की रिहाई को लेकर मोलभाव के उसके दिवास्वप्न को तगड़ा झटका लगा है। भारत ने साफ़ कर दिया है कि वह अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार तत्काल प्रभाव से अपने पायलट की रिहाई चाहता है और वह भी बिना किसी शर्त के।
Govt cleared there is no question of any deal or talk with Pak.
— प्रशान्त पटेल उमराव (@ippatel) February 28, 2019
If Pakistan thinks they have a card to negotiate with then they are mistaken.
Pak will have to release #Abhinandan without any condition.#SayYesToWar
इस से दो चीजें जो निकल कर सामने आती है, वो भारत के रुख को काफ़ी स्पष्ट कर देती हैं। सबसे पहली बात तो यह कि भारत ने कंधार प्लेन हाईजैक से सीख ली है और किसी भी तरह के दबाव के सामने झुकने से साफ़ इनकार कर दिया है। कंधार आतंकियों और भारतीय गणराज्य के बीच का मसला था और पाकिस्तान इसमें एक किरदार होने के बावजूद बच कर निकल सकता था। लेकिन, भारतीय पोलोट वाला मसला सीधे दो देशों के बीच का है। अतः भारत आश्वस्त है कि अंतरराष्ट्रीय सस्तर पर पहले से ही अलग-थलग पड़ चुके पाकिस्तान के पास इसे लेकर दम दिखाने की ताक़त नहीं बची है। तभी भारत ने ‘बिना किसी शर्त तत्काल रिहाई’ की माँग की है।
Pakistan doing a Kandahar, we will not allow this; we have an upper hand, P-4 has been firm: Top Govt. Sources
— Doordarshan News (@DDNewsLive) February 28, 2019
दूसरी बात यह कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने फिलहाल काउंसलर एक्सेस लेने से भी इनकार कर दिया है। यह कुलभूषण जाधव वाले मामले से अलग है जहाँ भारत ने काउंसलर एक्सेस के लिए काफ़ी मशक्कत की थी। कुलभूषण जाधव बस एक भारतीय नागरिक हैं जिनपर पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाया और उन्हें सजा सुना दी गई। इस मामले में ऐसा नहीं है। भारत ने अपने पायलट को वापस लाने के लिए कूटनीतिक पहल शुरू कर दी है लेकिन पाकिस्तान के सामने झुकने या इसे लेकर किसी भी प्रकार के मोलभाव से साफ़ इंकार कर दिया है।
इस बार पाकिस्तान के साथ कोई सौदा नहीं होगा, हम आतंक पर तत्काल और विश्वसनीय कार्रवाई करना चाहते हैं: शीर्ष सरकारी सूत्र#BREAKING
— दूरदर्शन न्यूज़ (@DDNewsHindi) February 28, 2019
तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आतंकवाद पर भारत का रुख नहीं बदलेगा- ऐसा स्पष्ट सन्देश दे दिया गया है। भारतीय पायलट को ‘Bargaining Chip’ की तरह प्रयोग कर के तनाव कम करने का सपना देख रहे पाकिस्तान को यह साफ़ कर दिया गया है कि दोनों देशों के बीच प्रमुख मसला आतंकवाद है और पाकिस्तान स्थित आतंकियों पर कार्रवाई (बातचीत के लिए जो शर्त तय की गई है) के बिना कोई बातचीत नहीं होगी। मुद्दा अभी भी पुलवामा है। मुद्दा अभी भी पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान द्वारा आतंकी संगठन जैश व उसके सरगना मसूद अज़हर पर कार्रवाई का है।
कुल मिलाकर देखें तो भारत कोई ‘डील’ नहीं करेगा। अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन नहीं करने पर पाकिस्तान को सबक सिखाने की भी पूरी तैयारी है। जिस तरह से अपने एयरस्पेस पर निगरानी रखते हुए पाकिस्तान ने कमर्सियल फ्लाइट्स को बंद कर रखा है, उसे पता है कि अगर जेनेवा कन्वेंशन के आधार पर काम नहीं होता है तो भारत के पास कड़ी सैन्य कार्रवाई करने का एक बड़ा मौक़ा मिल जाएगा- जो पाकिस्तान ‘afford’ नहीं कर सकता। गेंद पाकिस्तान के पाले में ही है लेकिन उसके पास फुल टॉस फेंकने के अलावा कोई चारा नहीं है।