अब तक हथियारों का बड़ा आयातक के रूप में जाना जाने वाला भारत अब दूसरे देशों को मिसाइलें निर्यात करेगा। हम जानते हैं कि भारत अब तक हथियारों का आयात ही करता रहा है, लेकिन अब इसके उलट निर्यात करने की भी तैयारी चालू हो गई है। भारत की तरफ़ से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और कुछ खाड़ी देशों को मिसाइलों की पहली खेप का निर्यात इसी साल की जाएगी। एक शीर्ष रक्षा अधिकारी के अनुसार, दक्षिण पूर्व एशिया और खाड़ी के देशों की ओर से रुचि दिखाए जाने के बाद भारत सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है।
कार्यक्रम ‘इमडेक्स एशिया 2019 एग्जिबिशन’ को संबोधित करते हुए ब्रह्मोस एरोस्पेस के एचआर कोमोडर एसके अय्यर ने कहा कि सरकारों के बीच करार के बाद पहली बार मिसाइलों का एक्सपोर्ट किया जाएगा। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया, “ऐसे कई दक्षिण पूर्व एशियाई देश हैं, जो हमारी मिसाइलों को खरीदने के लिए तत्पर हैं।” भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए अब अच्छे मौके इसीलिए बन रहे हैं क्योंकि खाड़ी देशों में धीमी आर्थिक विकास के साथ ही उन्हें कम दामों पर विश्वसनीय रक्षा उत्पादों की तलाश है। भारत अब ये चीजें उचित मूल्य में उन्हें मुहैया कराने की क्षमता रखता है।
रक्षा उत्पादन /भारत स्वदेशी मिसाइलें दक्षिण-पूर्व एशिया और खाड़ी देशों को निर्यात करेगा, सरकार की मंजूरी का इंतजारhttps://t.co/rBfGTIXvXD #Brahmos #AeroIndia2019 pic.twitter.com/KMBqZ8HDl0
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) May 15, 2019
तीन दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, “यह हमारा पहला मिसाइल निर्यात होगा। इसके साथ ही हमारी मिसाइलों में खाड़ी के देश भी रुचि दिखा रहे हैं।” भारतीय डिफेंस सेक्टर के समक्ष दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और खाड़ी देशों में निर्यात के अच्छे अवसर बन रहे हैं। भारत-रूस जॉइंट वेंचर ब्रह्मोस और डिफेंस कंपनी लार्सन ऐंड टर्बो ने इमडेक्स एग्जिबिशन में दक्षिण पूर्व एशियाई बाजार के लिए कई रक्षा उपकरणों को प्रदर्शित किया। कुछ छोटी अर्थव्यवस्थाएँ नवीनतम तकनीकों के साथ प्लेटफॉर्म अपग्रेड के माध्यम से पुराने उपकरणों को नया करने की तलाश में हैं, जिसके लिए उन्होंने भारत का रुख किया है।
तीन दिवसीय आईएमडीईएक्स एशिया एग्जिबिशन 2019 में विश्व की कुल 236 कम्पनियाँ भाग ले रही हैं। दुनिया भर से करीब 10,500 कंपनी प्रतिनिधि यहाँ आए हुए हैं। 30 देशों के 23 युद्धपोत भी प्रदर्शनी में शामिल किए गए हैं। भारत द्वारा मिसाइलें निर्णय करने को ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता के रूप में भी देखा जा रहा है। भारत अब रक्षा मामलों में कई तरह के उत्पादन की तरफ़ अपना ध्यान दे रहा है और फैक्ट्रियाँ स्थापित की जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अक़्सर कहते आ रहे हैं कि अब हमें इन क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की तरफ़ बढ़ना होगा।