कई सालों से आर्मी अपना गोला-बारूद सुरक्षित रखने के लिए सुरंग बनाने की कोशिशों में जुटी हुई थी, जो कि अब जल्द ही बनने वाली है। आर्मी NHPC (नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन) की मदद से ये सुरंग बनाएगी। इस संबंध में गुरुवार (अप्रैल 25,2019) को आर्मी और एनएचपीसी ने एक एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए हैं।
बता दें कि सेना लंबे समय से पाक और चीन बॉर्डर के समीप गोला बारूद रखने के लिए सुरंग तैयार करने के लिए प्रयासरत थी, लेकिन सेना के पास इसे बनाने की विशेषज्ञता नहीं थी। जब टनल बनाने की कोशिशें शुरू हुईं तो कभी सीलन की दिक्कत आई तो कभी सीपेज की। इन परेशानियों को देखते हुए सेना ने तय किया कि वे टनल बनाने में एक्सपर्ट NHPC की योग्यता का इस्तेमाल करेगी।
गत वर्ष इसे लेकर बात शुरू हुई थी, जिसके बाद NHPC ने डिटेल प्रपोजल आर्मी को दिया था। इस प्रपोजल पर ही तय हुआ कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 4 टनल बनेंगी। इसके बाद बाकी टनल बनाने पर विचार होगा।
भारतीय सेना ने पाकिस्तानी और चीनी सीमाओं पर चार सुरंग बनाने का फैसला लिया है ताकि युद्ध के माहौल में गोला बारूद और हथियार ले जाने में आसानी हो।https://t.co/sL9TTZgKjX
— Punctured Sa-tire (@PuncturedSaTire) April 25, 2019
इन सुरंगों का निर्माण भारतीय सेना के ऑपरेशन की तैयारियों के तहत किया जा रहा है जिससे सेना तक हथियार और गोला बारूद पहुँचाने में भी आसानी होगी।
NHPC और आर्मी के बीच जो एमओयू साइन किया गया है उसके अनुसार इन 4 सुरंगों को बनाने की लागत 15 करोड़ रुपए आएगी। नवभारत टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक एक सुरंग जम्मू-कश्मीर (भारत-पाकिस्तान बॉर्डर) पर और अन्य तीन सुरंगे नार्दन बॉर्डर( भारत-चीन बॉर्डर) पर बनाई जाएँगी। प्रत्येक सुरंग में करीब 200 मिट्रिक टन गोला बारूद रखा जाएगा। खबर के मुताबिक ये सुरंग दो साल में पूरी होंगी।
बता दें कि इन सुरंगों के बन जाने से आर्मी को अपना गोला-बारूद रखने की सुरक्षित जगह मिलेगी। साथ ही ये सुरंगे बारूद को दुश्मन की नज़रों से बचाएँगी। दुशमनों के सैटेलाइट भी इसे पकड़ने में अक्षम होंगे।