हिंसाग्रस्त मणिपुर की राजधानी इम्फाल में सेना द्वारा 12 उपद्रवियों को रिहा किए जाने की खबर है। इन उपद्रवियों को शनिवार (24 जून, 2023) हिरासत में लिया गया था। बताया जा रहा है कि उपद्रवियों की रिहाई के लिए 1200 से 1500 प्रदर्शनकारियों की भीड़ सड़कों पर उतर आई थी। इन भीड़ का नेतृत्व महिलाएँ कर रहीं थीं। रिहा किए गए सभी उपद्रवी KYKL (यावोल कन्ना लुप) के सदस्य थे। हालाँकि उपदव्रियों के हथियारों को जब्त कर लिया गया है। सेना ने आधिकारिक रूप से यह जानकारी शुक्रवार (24 जून, 2023) को दी है।
अपने आधिकारिक बयान में सेना ने बताया कि ख़ुफ़िया जानकारी के आधार पर 24 जून की सुबह सैन्य बल पूर्वी इंफाल के गाँव इथम पहुँचे थे। यह जगह एंड्रो से 6 किलोमीटर दूर है। इस दौरान सैनिकों ने सघन तलाशी अभियान छेड़ा। इस अभियान के फलस्वरूप KYKL संगठन के 12 सदस्यों को हथियार और गोला बारूद के साथ पकड़ा गया था। इन 1 दर्जन संदिग्धों में स्वयंभू लेफ्टिनेंट कर्नल मोइरांगथेम तम्बा उर्फ उत्तम भी शामिल था जो साल में 2015 में सेना के काफिले पर हुए हमले का मास्टरमाइंड है।
सेना ने आगे बताया कि जैसे ही हिरासत में लिए गए 1 दर्ज उपद्रवियों को ले कर सैन्य बल आगे बढ़ा वैसे ही 1200-1500 की भीड़ ने जवानों को घेर लिया। इस भीड़ में महिलाओं की तादाद अधिक थी। भीड़ किसी भी हालत में इस बात पर तैयार नहीं थी कि पकड़े गए उपद्रवियों को सेना अपने साथ ले जाए। सुरक्षा बलों ने लगातार महिलाओं से हटने की अपील की लेकिन वो बेअसर रही। सेना का कहना है कि इस दौरान महिलाओं के खिलाफ बल प्रयोग नहीं किया गया।
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— SpearCorps.IndianArmy (@Spearcorps) June 24, 2023
सेना द्वारा जारी बयान में आगे बताया गया है कि महिलाओं की यह भीड़ काफी नाराज थी। ऐसे में भीड़ पर बल प्रयोग करने से मामले की संवेदनशीलता बढ़ जाती। आखिरकार पकड़े गए सभी 12 उपद्रवियों को एक स्थानीय नेता को सौंपने पर सहमति बन गई। सभी उपद्रवियों को एक स्थानीय नेता के हवाले कर दिया गया। हालाँकि, इनके पास से बरामद हथियारों को जब्त कर लिया गया। इसमें से कुछ हथियार विदेशी भी थे। सेना ने इस कदम को अभियान का संचालन करने वाले सैन्य अधिकारी की परिपक्वता और मानवीयता बताया है। साथ ही इस पूरी घटना का CCTV फुटेज भी साझा किया है।