दिल्ली स्थित इजरायली दूतावास के पास शुक्रवार (जनवरी 29, 2021) शाम धमाका हुआ था। कम तीव्रता वाले इस धमाके में कोई हताहत नहीं हुआ था लेकिन कुछ गाड़ियों के शीशे टूट गए थे। इसके बाद पूरी राजधानी को अलर्ट पर रखा गया था। एयरपोर्ट, सरकारी इमारतों और अहम जगहों की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
जैश उल हिन्द ने इस धमाके की ज़िम्मेदारी ली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ मैसेजिंग एप्लीकेशन टेलीग्राम पर प्राप्त हुए संदेश (मैसेज) से इसका दावा किया गया है। इसमें लिखा है, “सबसे ताकतवर अल्लाह की रहमत और मदद से, जैश उल हिन्द के सैनिकों ने दिल्ली के अति सुरक्षित क्षेत्र में घुसपैठ की और IED हमले को अंजाम दिया। इसके बाद कई प्रमुख शहर निशाने पर होंगे। यह तो बस एक शुरुआत है। इसके ज़रिए हम भारत सरकार द्वारा किए गए अत्याचारों का बदला लेंगे।” मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियॉं दावे की पुष्टि करने में जुटी हैं।
वहीं भारत में इजरायल के राजदूत रोन मल्का (ron malka) ने इसके तार 2012 में अपने राजनयकि पर हुए हमले से जुड़े होने का अंदेशा जताया है। इजरायली राजदूत ने कहा कि दोनों घटनाओं में संबंध हो सकता है। हम जाँच कर रहे हैं।
दरअसल 13 फरवरी 2012 को दिल्ली में इजरायली राजनयिक की कार में धमाका किया गया था। दो बाइक सवार हमलावरों ने इजरायली राजनयिक की पत्नी की गाड़ी में बम चिपका दिया था। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को इस धमाके के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
दिल्ली पुलिस ने 7 मार्च 2012 को इस मामले में जर्नलिस्ट मोहम्मद अहमद काजमी को गिरफ्तार किया था। वह ईरानी मीडिया समूह के लिए काम करते था। दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि उसने 3 ईरानी नागरिकों के साथ मिल धमाके को अंजाम दिया था। जुलाई 2012 में दिल्ली पुलिस इस नतीजे पर पहुँची थी कि आतंकी ईरान की मिलिट्री और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स से जुए हुए थे।