जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एक और बड़ी कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई के अंतर्गत 4 सरकारी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्त हुए सरकारी कर्मचारियों में एक डॉक्टर, एक पुलिस का जवान, शिक्षक और उच्च शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला बियरर शामिल हैं। इन सभी पर पाकिस्तानी एजेंडे को बढ़ावा देने और आतंकी गतिविधियों को समर्थन करने का आरोप है। राज्यपाल द्वारा यह आदेश मंगलवार (21 नवम्बर, 2023) को दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बर्खास्त होने वाले कर्मचारियों के नाम फारुख अहमद मीर, डॉ निसार उल हसन, अब्दुल मजीद भट और अब्दुल सलाम राठोर है। बता दें कि इसमें से फारुख अहमद मीर शिक्षा विभाग में अध्यापक था। वह मूलतः कुपवाड़ा के उस्मानाबाद का रहने वाला है। बर्खास्त हुआ दूसरा स्टाफ निसार उल हसन बारामुला जिले का रहने वाला है। फ़िलहाल वह श्रीनगर के SMS अस्पताल के मेडिकल विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत था।
J&K government led by Manoj Sinha orders the termination of four employees, including DAK president Dr Nisar ul Hassan, for anti-national activities. pic.twitter.com/vMhNsOTsOz
— Greater Kashmir (@GreaterKashmir) November 22, 2023
बर्खास्त हुआ तीसरा स्टाफ अब्दुल मजीद भट है जो मूल रूप से कुपवाड़ा जिले का निवासी है। अब्दुल मजीद जम्मू कश्मीर पुलिस में कांस्टेबल था। वहीं चौथे स्टाफ का नाम अब्दुल सलाम राठोर है। अब्दुल सलाम उच्च शिक्षा विभाग में लैब बियरर के पद पर नौकरी कर रहा था। अब्दुल सलाम राठोर मूल रूप से कुलगाम का रहने वाला है। इन सभी की सेवाएँ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 11 के तहत समाप्त की गईं हैं। सभी आदेश तत्काल लागू करने के निर्देश हैं जिसकी जानकारी संबंधित विभागों को दे दी गई है।
बताया जा रहा है कि चारों स्टाफ पाकिस्तानी एजेंडे पर काम कर रहे थे। ये सभी कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन कर रहे थे। इनके लिंक भी आतंकियों से जुड़े पाए गए जिनके लिए ये पैसे भी जुटा रहे थे। बताते चलें कि पिछले 3 वर्षों में सरकार ने देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे 50 से अधिक सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों को बर्खास्त किया है। इसी साल जून महीने में कश्मीर विश्वविद्यालय के एक जनसंपर्क अधिकारी, राजस्व विभाग के एक अधिकारी और एक पुलिस स्टाफ को पाकिस्तानी आतंकियों के लिए पैसे जुटाने के आरोपों के चलते बर्खास्त कर दिया गया था।
इससे पहले अक्टूबर 2022 में जम्मू कश्मीर सरकार ने 5 कर्मचारियों को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त कर दिया था। इन आरोपितों में से पुलिस कॉन्स्टेबल, चौकीदार, जल शक्ति विभाग, बैंक और ग्राम अधिकारी भी शामिल थे।