जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान और उसके द्वारा पाले गए आतंक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबलों ने 26 नवंबर 2021 (शुक्रवार) को हाजी आरिफ नाम के एक आतंकी को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। खबर लिखे जाने तक एनकाउंटर जारी है और सुरक्षाबलों ने आरिफ के दो अन्य साथियों को चारों तरफ से घेर रखा है। हाजी आरिफ बीते कई सालों से पाकिस्तानी आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने का काम कर रहा था। इस काम में पाकिस्तानी स्पेशल फोर्स और पाक रेंजर्स उसका साथ देते थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षाबलों द्वारा ढेर किया गया हाजी आरिफ पहले पाकिस्तानी आर्मी में हुआ करता था। उसकी अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एलओसी से सटे इलाके में पाकिस्तान की सरकार ने उसे जमीन दे रखी है। एलओसी से सटे पाकिस्तान के धारकुंडी खुरैटा सेक्टर स्थित लॉन्च पैड का उसे कमांडर बनाया गया था।
भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, सुरक्षाबलों को एलओसी के पास पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ के गुप्त सूचना मिली थी। सुरक्षाबलों को जानकारी मिली थी कि तीन से पाँच आतंकी भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाले हैं। सूचना के आधार पर भिंबर गली और उसके आसपास के इलाकों में घेराबंदी की गई। आतंकी जैसे यहाँ पहुँचे, दोनों ओर से फायरिंग होने लगी। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को ढेर कर दिया। बाद में उसकी पहचान हाजी आरिफ के तौर पर हुई।
हाजी आरिफ के आतंकियों से गहरे संबंध
पाकिस्तानी आर्मी का हिस्सा रहे हाजी आरिफ के आतंकियों से काफी अच्छे संबंध थे। इसका फायदा उठाने के लिए उसे लॉन्च पैड की जिम्मेदारी दी गई थी। हाजी आरिफ को एलओसी के इलाकों की हर गली और दर्रों की अच्छी जानकारी थी। साल 2018 में नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तान के कुख्यात बॉर्डर ऐक्शन टीम (बैट) टीम की कार्रवाई में भी हाजी आरिफ का हाथ बताया जाता है। आरिफ ने ही पाकिस्तानी बैट टीम को गाइड किया था। इतना ही नहीं, हाजी आरिफ दूसरों के बच्चों का ब्रेनवॉश कर उन्हें भारत के खिलाफ जिहाद के लिए उकसाता था।