बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा जारी है। वहीं, आतंकी संगठन जमीयत-उल मुजाहीदीन बांग्लादेश (JMB) के सदस्य भी जेल से बाहर आ गए हैं। इनमें कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के भी कई कार्यकर्ता भाग निकले हैं। पड़ोसी देश में उथल-पुथल के बीच पश्चिम बंगाल में आतंकियों की संभावित घुसपैठ को देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी गई है।
पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश के दो जेलों से 709 कैदी भाग निकले हैं। इनमें कई आतंकवादी भी शामिल हैं। इसकी जानकारी मिलते ही पूरे बंगाल में राज्य और केंद्रीय एजेंसियाँ ने निगरानी बढ़ा दी है। सीमा से सटे इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है। दरअसल, 6 अगस्त को लाठी-डंडों से लैस भीड़ ने शेरपुर जिला जेल पर धावा बोलकर 500 से अधिक कैदियों को छुड़ा लिया।
उसी दिन, गाजीपुर में स्थित काशिमपुर उच्च सुरक्षा वाली जेल से लगभग 209 कैदी भाग गए। इस दौरान जेल प्रहरियों ने कैदियों को रोकने के लिए गोलीबारी की, जिसमें तीन आतंकवादी सहित छह लोग मारे गए। भागने वालों में से एक इकरामुल हक उर्फ अबू तल्हा भी है। हक को 2023 में बांग्लादेश की आतंकवाद निरोधक और अंतरराष्ट्रीय अपराध इकाई ने गिरफ्तार किया था।
हक की गिरफ्तारी भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा साझा की गई जानकारी के आधार पर हुई थी। इसके बाद ढाका में बंगाल पुलिस ने उससे पूछताछ भी की थी। अधिकारियों का मानना है कि भागने वालों में नियामतुल्लाह नाम का एक और आतंकी शामिल है। इसका नाम कोलकाता के हरिदेवपुर में पकड़े गए एक मॉड्यूल ने अपने नेता के रूप में लिया था।
सूत्रों का कहना है कि वे इस बात की जाँच कर रहे हैं कि क्या जमातुल मुस्लिमीन का संचालन कमांडर अब्दुल अलीम और जकारिया मंडल भी भाग गए हैं। दोनों उसी जेल में बंद थे। ये चारों आतंकी जमात-उल-मुजाहिदीन और अंसारुल्लाह बांग्ला से जुड़े हैं। माना जा रहा है कि इनके भाग जाने के बाद कानून एजेंसियों ने पश्चिम बंगाल के संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है।
इसके अलावा, 7 अगस्त को कुश्तिया में जेल अधिकारियों पर हमला कर 30 कैदी फरार हो गए। बीएसएफ के सूत्रों कहना है कि मालदा के पास भारत-बांग्लादेश की सीमा के पार करीब आठ जेएमबी के आतंकी छिपे हुए हैं। गाँव वालों ने आशंका जताई है कि ये नदी पार करके भारत में घुसपैठ कर सकते हैं। इसलिए वे रात भर जाग करके पहरेदारी कर रहे हैं।
कोलकाता पुलिस ने शहर के सभी होटलों से आने वाले मेहमानों का विस्तृत बैकग्राउंड रखने को कहा है। स्थानीय पुलिस को ये विवरण रोजाना इकट्ठा करने को कहा गया है। यहाँ तक कि मध्य कोलकाता और अन्य इलाकों में दिन में दो बार जानकारी जुटाने के कहा गया है। इसके साथ ही इस जानकारी को लालबाजार थाना और स्पेशल ब्रांच को रिपोर्ट करने को कहा गया है।
कोलकाता के कई इलाके ऐसे हैं, जहाँ पहले भी जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) के आतंकी छिपे थे। ऐसे इलाके अब जाँच के दायरे में हैं। बिधाननगर पुलिस की टीमें एयरपोर्ट, नारायणपुर, बागुईआटी, राजारहाट, न्यू टाउन और भांगर के आसपास के इलाकों का चक्कर लगा रही है। पुलिस उन दलालों पर भी नजर रख रही है, जो बांग्लादेशियों को बंगाल में बसाने में मदद करते हैं।
वहीं, सीमा सुरक्षा बल (BSF) के नवनियुक्त महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने जिला अधिकारियों और व्यापार निकायों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने बांग्लादेश से आने वाले अपराधियों को लेकर उन्हें आगाह किया। बोंगाँव में एक व्यापारी संगठन के प्रतिनिधि ने कहा, “हमें किसी की आईडी जाँचे बिना उसे अंदर न आने देने को कहा गया है।”