पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के गुरपतवंत सिंह पन्नू की एक वीडियो सामने आई है। इस वीडियो में वह अरविंद केजरीवाल को और भगवंत मान को धमकाता नजर आ रहा है। ये धमकी पन्नू ने उस वीडियो को देखने के बाद दी है जिसमें पंजाब के होने वाले नए मुख्यमंत्री दिल्ली मुख्यमंत्री केजरीवाल का पैर छू रहे हैं।
भगवंत मान की यह वीडियो देखने के बाद पन्नू ने कहा, “नए मुख्यमंत्री ने केवल अपनी पगड़ी ही नहीं बल्कि पूरे पंजाब की पगड़ी केजरीवाल के पैरों में रखी है। अगर केजरीवाल ये दिखाना चाहते हैं कि पंजाब उनके घुटनों पर है तो उन्होंने हमारे सामूहिक साहस को चनौती दी है और हम बिन कोई शक इस अपमान का बदला लेंगे।”
पन्नू ने कहा, “हम निश्चित तौर पर इस अपमान का बदला देंगे। मैं सभी समर्थकों से 13 मार्च को रोड शो और 16 मार्च को रैली आयोजित करने के लिए कहता हूँ। हम उन लोगों को सबक सिखाएँगे जिन्होंने सिखों की गरिमा को चुनौती दी है। जिन जूतों पर पंजाब की पगड़ी रखी गई हैं उन्हीं जूतों का इस्तेमाल केजरीवाल और भगवंत मान के मुँह पर मारने के लिए किया जाना चाहिए।”
सिखों को भड़काने के क्रम में पन्नू यहीं नहीं रुका। उसने कहा कि जो कोई भी पंजाब को उसकी शान दोबारा दिलाएगा उसे वह 1 लाख डॉलर देंगे। वह कहता है, “केजरीवाल दोबारा से पंजाब दिखाई नहीं पड़ना चाहिए। वो दिल्ली में दिखे या हरिद्वार में। मैं हर सिख भाई का आह्वान करता हूँ कि वो पंजाब की इज्जत को वापस दिलाएँ। ”
अपने एजेंडे को दोहराते हए पन्नू ने कहा, “पंजाब का समाधान खालिस्तान है। पंजाब की स्वतंत्रता। क्या हुआ अगर AAP ने सरकार बनाई। हम अगले पाँच सालों का इंतजार नहीं कर सकते। हमें त्वरित कार्रवाई करनी होगी। जो भी इस काम के लिए आगे आया सिख फॉर जस्टिस उसे 1 लाख डॉलर (76.76 लाख रुपए) देगा।”
बता दें कि इससे पहले खालिस्तानी नेता ने कहा था कि पंजाब में AAP ने खालिस्तानी समर्थकों का झूठे दावे कर करके विश्वास जीता था। उन्होंने कहा था कि ये चुनाव पंजाब और खालिस्तान दोनों के लिहाज से जरूरी है, अगर वे आए तो खालिस्तानियों के पास अपना मिशन पूरा करने का नया मौका होगा। दिलचस्प बात यह है कि पन्नू ने पहले के एक वीडियो में उल्लेख किया था कि अब जब AAP उनके नियंत्रण में है और पंजाब के लोगों ने खालिस्तान विरोधी राजनेताओं जैसे बादल, कैप्टन अमरिंद को बाहर कर दिया है तो, खालिस्तान जनमत संग्रह पंजाब में आसानी से होना चाहिए। इसके अलावा AAP की जीत के बाद एक लेटर भी सामने आया था। जिसमें दावा था कि आप ने जीत हासिल करने के लिए खालिस्तान समर्थक वोटों और उनके फंड का प्रयोग किया।