Sunday, December 22, 2024
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जिस Mi-17 में सवार थे बिपिन रावत, PM मोदी भी करते हैं इस्तेमाल: कारगिल में दिखा चुका है कमाल… लेकिन दुर्घटनाओं का इतिहास

इसमें 2 इंजन होते हैं। यह 250 किलोमीटर प्रतिघंटे तक की गति से उड़ सकता है। यह 6000 मीटर तक की ऊँचाई तक जाने में सक्षम है। इसी के साथ इसमें एक बार लगभग 36 जवान हथियारों संग यात्रा कर सकते हैं।

तमिलनाडु में आज 8 दिसंबर को भारत के चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टॉफ (CDS) बिपिन रावत (Bipin Rawat) सहित 14 लोगों को ले जा रहा हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह भारतीय सेना (Indian Army) का Mi-17 V5 सीरीज का हेलीकॉप्टर था। इसे भारतीय वायुसेना का एक मजबूत हेलीकॉप्टर माना जाता है। इस सीरीज के हेलीकॉप्टर आधुनिक तकनीकी से लैश होने के साथ कई बड़े अभियानों में हिस्सा भी ले चुके हैं। लेकिन इसके दुर्घटनाग्रस्त होने का भी इतिहास रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर का निर्माण रूस (Russia) में होता है। यह दुनिया के सबसे उन्नत हेलीकॉप्टर में गिना जाता है। नरेंद्र मोदी सहित कई देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा इसका उपयोग किया जाता रहा है। 26/11 के आतंकी हमलों में यह कमांडों अभियान में प्रयोग हुआ था। इसी के साथ सर्जिकल स्ट्राइक और पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य अभियानों में भी इस हेलीकॉप्टर ने हिस्सा लिया है।

Mi-17V-5 मूल रूप से फौजी परिवहन में प्रयोग होता रहा है। इस मीडियम लिफ्ट हेलिकाप्टर को हथियारों और जवानों को गंतव्य तक पहुँचाने के लिए प्रयोग किया जाता है। साथ ही बचाव अभियानों में भी इसकी कई बार अहम भूमिका रही है। इसमें 2 इंजन होते हैं। यह 250 किलोमीटर प्रतिघंटे तक की गति से उड़ सकता है। यह 6000 मीटर तक की ऊँचाई तक जाने में सक्षम है। इसी के साथ इसमें एक बार लगभग 36 जवान हथियारों संग यात्रा कर सकते हैं।

एक बार में यह अधिकतम 13000 किलोग्राम वजन के साथ उड़ सकता है। इसमें प्रयुक्त तकनीकी से रात में सैनिक कार्रवाई की जा सकती है। इसमें मिसाइल, रॉकेट, मशीनगन और छोटे हथियारों के लिए फायरिंग स्पॉट भी बने हुए हैं। ये स्पॉट अचूक निशाना लगाने में सहायक होते हैं। इन खूबियों के चलते इसका इस्तेमाल सर्च ऑपरेशन में भी किया जाता रहा है।

भारत में इस सीरीज के कुल लगभग 150 हेलीकॉप्टर हैं। पहले MI 17 हेलीकॉप्टर की टेस्टिंग सन 1975 में हुई थी। भारत ने रूस को साल 2008 से लेकर 2011 तक 151 एमआई17 हेलिकॉप्टर्स का आर्डर दिया था। यह आर्डर भारत को साल 2016 में मिलते ही पुराने MI 17 हेलिकॉप्टरों को सैनिक बड़े से हटा लिया गया। श्रीलंका ने LTTE के खात्मे और भारत ने कारगिल युद्ध के दौरान भी इसका प्रयोग किया था। उत्तर कोरिया में यह हेलीकॉप्टर यात्रियों के लिए पैसेंजर वाहक के रूप में काम करते हैं।

इस से पहले साल 2018 में एक MI 17 हेलीकॉप्टर दुर्घनाग्रस्त हुआ था। तब पायलट सहित 2 सैन्य अधिकारियों की जान गई थी। इसके अलावा अप्रैल 2018 में एक अन्य MI 17 हेलीकॉप्टर केदारनाथ में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। इस दुर्घटना सभी 8 सवार सुरक्षित बच गए थे। फरवरी 2019 में कश्मीर के बड़गाम में क्रैश हुए MI 17 हेलीकॉप्टर में सेना के 4 जवान बलिदान हुए थे। अगस्त 2012 में गुजरात के जामनगर में MI 17 हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था। इसमें सवार सभी 9 लोगों की जान चली गई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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