भारत में मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादियों में से एक लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े रियाज अहमद उर्फ अबू कासिम को शुक्रवार (8 सितंबर 2023) को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) की एक मस्जिद में गोली मारकर हत्या कर दी गई। ये हत्या अज्ञात बंदूकधारियों ने की, जिनकी अभी पहचान नहीं हो पाई है। सीमा पार सक्रिय आतंकवादी समूह के यह चौथे कमांडर की हत्या है।
शुक्रवार यानी जुमे के दिन रावलकोट में स्थित अल-कुदुस मस्जिद में सुबह की नमाज के दौरान अज्ञात बंदूकधारी मस्जिद में घुस गए और उस पर प्वॉइंट ब्लैक रेंज यानी 12 इंच से कम दूरी से गोली मार दी। उसे गोली पीछे से मारी गई थी। गोली लगते ही वह गिर घुटने के बल जमीन पर गिर गया और उसकी मौत हो गई। वह प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था।
इस साल एक जनवरी को जम्मू-कश्मीर में हुए ढांगरी आतंकी हमले का वह मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था। राजौरी जिले के ढांगरी गाँव में आतंकवादियों ने अंधाधुन गोलीबारी की थी, जिसमें सात हिंदुओं की मौत हो गई थी और 13 लोग घायल हो गए थे। आतंकवादी जाते समय वहाँ विस्फोटक भी छोड़ गए थे, जो अगली सुबह फट गया था।
रियाज अहमद मूल रूप से जम्मू क्षेत्र के पुुंछ स्थित सुरनकोट का रहने वाला था। वह साल 1999 में सीमा पार से घुसपैठ कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर चला गया था। वहाँ से वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में लगा हुआ था। वह लश्कर के टॉप कमांडरों में से एक था। वह ज्यादातर मुरीदके में लश्कर के बेस कैंप से काम करता था, लेकिन हाल ही में रावलकोट में स्थानांतरित हो गया था।
रियाज का पूरा परिवार गुलाम जम्मू कश्मीर भाग गया था। उसका पूरा परिवार ही आतंकी है। उसका बड़ा भाई और पिता मोहम्मद अजीम हिजबुल मुजाहिदीन, अल बदर और लश्कर के लिए गाइड का काम करते रहे थे। उन्होंने राजौरी-पुंछ में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया है। दोनों मारे जा चुके हैं।
अधिकारियों का कहना है कि पुंछ और राजौरी के सीमावर्ती जिलों में आतंकवाद को फिर से जिंदा करने के पीछे उसी का दिमाग माना जाता है। वह लश्कर-ए-तैयबा के मुख्य कमांडर सज्जाद जाट का करीबी सहयोगी था और संगठन के फाइनेंस का काम देखता था। उस पर मई 2019 में कश्मीर में अल-कायदा की शाखा अंसार गजवात-उल-हिंद के मुख्य कमांडर जाकिर मूसा को भी मारने का आरोप था।
रियाज अहमद पाकिस्तान से संचालित होने वाले विभिन्न आतंकी संगठनों का चौथा शीर्ष कमांडर था, जिसे इस साल मार गिराया गया। इससे पहले मार्च 2023 में प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष कमांडर की पाकिस्तान के रावलपिंडी में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
वहीं, फरवरी 2023 में पाकिस्तान के कराची में अल-बद्र मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर सैयद खालिद रज़ा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसे कराची की पुलिस ने टारगेट किलिंग बताया था। इसी तरह, इस्लामिक स्टेट के शीर्ष कमांडर और कश्मीरी आतंकवादी एजाज अहमद अहंगर इस साल की शुरुआत में अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में मृत पाया गया था। कहा जाता है कि उसे तालिबान ने मारा गया था।
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि भारत में आतंक फैलाने वाले चरमपंथियों को सीमा पार भी चैन से नहीं रहने दिया जाएगा। किश्तवाड़ में उन्होंने कहा, “हम उन गद्दारों को स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं और यहाँ आतंकवाद को पुनर्जीवित करने में लगे हुए हैं। वे वहाँ भी शांति से नहीं रह सकेंगे, क्योंकि हम उन तक पहुँचेंगे और जो यहाँ (कश्मीर) में उनकी मदद कर रहे हैं, उनसे सख्ती से निपटेंगे।”