पंजाब के लुधियाना कोर्ट में 23 दिसंबर 2021 (गुरुवार) को हुए ब्लास्ट के मुख्य आरोपित को NIA ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपित की पहचान फिलहाल गुप्त रखी गई है। इस गिरफ्तारी को NIA ने पंजाब की स्पेशल टॉस्क फ़ोर्स (STF) के साथ मिल कर अंजाम दिया। गिरफ्तारी शनिवार (21 मई 2022) को की गई है। इस से पहले शुक्रवार को 5 अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था।
Punjab Police cracks Ludhiana Court Blast case, main accused arrested by STF team of Border Range. IED used in the blast was trafficked through a drone backed by ISI. Operation was conducted in coordination with Central Agency. (1/2) pic.twitter.com/RaXLkP3wwP
— DGP Punjab Police (@DGPPunjabPolice) May 21, 2022
पंजाब पुलिस के DGP IPS वीके भावरा ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए लिखा, “ब्लास्ट के लिए IED ड्रोन के माध्यम से मँगाई गई थी। इसे पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI ने भेजा था। पंजाब पुलिस सीमावर्ती क्षेत्र की STF और केंद्रीय एजेंसियों ने मिल कर इस अभियान को सफल बनाया।”
आने वाले 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब पुलिस ने उस से पहले शुक्रवार पाकिस्तान की सीमा से सटे गाँवों में छापेमारी की है। इस कार्रवाई के दौरान हथियार, विस्फोटक सामग्री और हेरोइन बरामद हुई है। दबिश में 4 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें कक्षा 8 में पढ़ने वाला एक छात्र भी शामिल है।
आरोप है कि 8वीं के छात्र ने तस्करी में शामिल अन्य आरोपितों को फोन पर इंटरनेट दिया था। पंजाब पुलिस के अनुसार खालिस्तानी आतंकियों के लिए इसी 8वीं के बच्चे ने इंटरनेशल नंबर जनरेट करने जैसे काम भी करके उनकी मदद की। गिरफ्तार हुए अन्य आरोपितों के नाम हरप्रीत हैप्पी, दिलबाग सिंह और सविंदर भल्ला हैं।
इस गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस के IG मोहनीष चावला ने बताया, “आरोपित दिलबाग और सविंदर की गिरफ्तारी 18 मई को ही कर ली गई थी। इनसे हुई पूछताछ में पता चला कि इन्होंने हेरोइन की खेप पाकिस्तान के तस्कर हाजी अकरम से लिया था। यह खेप 12 मई को मँगाई गई थी। पुलिस ने हेरोइन को बरामद कर लिया है। अन्य आरोपित दिलबाग सिंह ने अपने पास 2 पाकिस्तानी सिम होने की जानकारी दी है। इसी सिम से वह पाकिस्तानी तस्करों से सम्पर्क करता था। पुलिस ने आरोपितों से नोकिया का मोबाइल फोन और 2 पाकिस्तानी सिम कार्ड बरामद किया है।”
पूछताछ के दौरान दिलबाग सिंह उर्फ़ बागो ने लुधियाना कोर्ट कैम्पस में 23 दिसंमबर 2021 को हुए ब्लास्ट में अपने शामिल होने की बात कबूली। उसने स्वीकार किया कि पाकिस्तान की सीमा से सटे गाँव बलड़वाल में ड्रोन के जरिए IED आई थी, जिसे उसी ने बरामद किया था। यहाँ से वो IED अमृतसर के सुरमुख उर्फ सम्मू को दी गई। बाद में सम्मू वही IED पंजाब पुलिस के बर्खास्त कर्मचारी गगनदीप सिंह को दी। गगनदीप इस विस्फोट में खुद मारा गया था। पुलिस ने IED ट्रांसपोर्ट में भूमिका निभाने वाले सुरमुख सिंह उर्फ़ सम्मो को भी गिरफ्तार कर लिया है।
गौरतलब है कि 23 दिसंबर 2021 को लुधियाना कोर्ट परिसर में हुए ब्लास्ट में 6 लोग घायल हुए थे। ब्लास्ट को करने आए हमलावर की मौत मौके पर ही हो गई थी। हमले का मास्टरमाइंड आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी है, जो फिलहाल जर्मनी में बताया जा रहा है।