पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में वीरगति को प्राप्त हुए 20 भारतीय सैनिकों के नाम हमेशा के लिए अमर हो गए हैं। पूर्वी लद्दाख में बलिदान हुए सैनिकों के लिए युद्ध स्मारक (War memorial) बनाया गया है, जिसमें 20 जवानों के नाम अंकित किए गए हैं।
वीरगति को प्राप्त हुए ये 20 सैनिक वे हैं, जिन्होंने भारतीय सीमा की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योच्छावर कर दिए। यह स्मारक KM-120 पोस्ट के पास यूनिट लेवल पर बनाया गया है। यह पोस्ट रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण डरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी की स्ट्रेटजिक रोड पर स्थित है।
A memorial has been built for the 20 Indian soldiers who lost their lives in action against the Chinese Army in #GalwanValley after evicting them from an observation post near the Y-junction area there under Operation Snow Leopard. pic.twitter.com/MpCICZdWKs
— ANI (@ANI) October 3, 2020
स्मारक पर लगाए गए ऑपरेशन डीटेल्स के अनुसार, “15 जून, 2020 को गलवान घाटी में 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू के नेतृत्व में क्विक रिएक्शन फोर्स का गठन किया गया और टुकड़ी को जनरल Y नाला से PLA सैनिकों को बेदखल कर पेट्रोलिंग पॉइंट 14 की तरफ बढ़ने का काम सौंपा।”
ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के तहत वाई-जंक्शन क्षेत्र के पास ये सैनिक विरगति को प्राप्त हो गए थे। लद्दाख की गलवान घाटी में ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के तहत Y-जंक्शन के पास चीन की PLA (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) को ऑब्जर्वेशन पोस्ट से हटाने के बाद भारत और चीन के बीच जो कुछ हुआ वह किसी छोटे युद्ध से कम नहीं था। भले इस लड़ाई में गोली-बम नहीं चले लेकिन फिर भी दोनों देशों ने अपने सैनिक गँवा दिए। हालाँकि, चीन ने अपने बलिदान सैनिकों को किसी प्रकार का सम्मान नहीं दिया।
बता दें भारत और चीन के बीच अप्रैल-मई से लद्दाख में तनातनी बनी हुई है। लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून की रात दोनों देशों के बीच की ये तनातनी हिंसक झड़प में बदल गई, जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए। चीन को भी इसमें अच्छा खासा नुकसान पहुँचा।
गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच वार्ता का क्रम भी जारी है। भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद पर हाल ही में एक और दौर की कूटनीतिक वार्ता की। दोनों देशों ने गलतफहमी को टालने तथा जमीन पर स्थिरता कायम रखने के लिए छठे दौर की सैन्य वार्ता में लिए गए फैसलों को क्रियान्वित करने पर जोर दिया।