राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टेरर फंडिंग मामले में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े जावेद अली को गिरफ्तार किया है। वह यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। वह लश्कर आतंकी शेख अब्दुल नईम उर्फ सोहेल खान को आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के मामले में पकड़ा गया है। अरसे से फरार जावेद को एनआईए ने रविवार को दिल्ली में दबोचा।
सोहेल को एनआईए पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। उस पर अपने साथियों के साथ मिलकर पूरे देश में आतंकवादी गतिविधियॉं चलाने के लिए आपराधिक साजिश रचने के मामले में आरोप-पत्र भी एजेंसी दाखिल कर चुकी है। जाँच में पता चला कि जावेद का संबंध लश्कर से है और वह उसके लिए फंड जुटाता था। फंड का इस्तेमाल भारत के विभिन्न स्थानों की रेकी करने, लश्कर के लिए आतंकवादियों की भर्ती करने और विदेशी नागरिकों और पर्यटकों सहित सॉफ्ट टारगेट की पहचान करने के लिए किया जाता था।
गिरफ्तार जावेद उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खामपुर गाँव का रहने वाला है। उसकी गिरफ्तारी 2017 में आतंकी फंडिंग के एक मामले में की गई है। 2017 में वह सऊदी अरब से मुजफ्फरनगर तक हवाला के जरिए धन मुहैया कराने में शामिल था। उसने सोहेल खान को धन मुहैया कराया था।
एनआईए लश्कर के लिए धन जुटाने से संबंधित मामले की जाँच कर रही है, जिसका पाकिस्तान और अन्य देशों में स्थित आतंकी संचालनकर्ता भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस मामले ने एनआईए पहले ही 5 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम शेख अब्दुल नईम, बेदार बख्त, तौसीफ अहमद मलिक, दिनेश गर्ग और आदिश कुमार जैन हैं। मामले में पाँच अन्य आरोपित अमजद, हबीब-उर-रहमान, गुल नवाज, जावेद और मोहम्मद इमरान फरार थे। इनमें से जावेद अब पकड़ में आ चुका है।
एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान स्थित लश्कर के मुख्यालय से पैसा दुबई भेजा जाता था। दुबई में बैठा हैंडलर हवाला कारोबार के जरिए यह पैसा भारत में भेजता था। इस पैसे को जावेद और उसके साथी लश्कर के नए एजेंट बनाने के लिए प्रयोग करते थे। वह इस पैसे के बदले लश्कर के लिए भारत के विभिन्न ठिकानों की रेकी कराते थे। एनआईए का दावा है कि जावेद सीधे तौर पर आतंकी संगठन लश्कर से जुड़ा हुआ था।