बिहार (Bihar) के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए बम ब्लास्ट (Darbhanga railway station blast) की जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने पटना की एक विशेष NIA अदालत में चार्जशीट दायर कर दी है। जाँच एजेंसी ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के पाँच आतंकवादियों के नामों का उल्लेख किया गया है।
जाँच एजेंसी ने उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना के रहने वाले मोहम्मद नासिर खान, उसका भाई इमरान मलिक के खिलाफ गुरुवार (23 दिसंबर 2021) को चार्जशीट दाखिल की। वो दोनों हैदराबाद में रहते थे। इसी तरह से सलीम अहमद और काफिल अहमद भी कैराना के हैं जबकि पाँचवाँ आरोपित इकबाल मोहम्मद उर्फ इकबाल काना मूल रूप से शामली का रहने वाला है, लेकिन बीते 26 सालों से वो पाकिस्तान के लाहौर में रह रहा है।
NIA Files Charge-sheet in RC-13/2021/NIA/DLI (Darbhanga Railway Station Blast by operatives of LeT) pic.twitter.com/SwluGyiI2j
— NIA India (@NIA_India) December 23, 2021
इन सभी के खिलाफ NIA ने इंडियन पीनल कोड की धारा 120बी, 468, और 471, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 3, 4 और 5 और UAPA एक्ट की धारा 16, 17, 18, 18बी, 20, 23, 38, 39 और 40 के अंतर्गत केस दर्ज किया है।
सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस को आग लगाने की थी योजना
उल्लेखनीय है कि इसी साल 17 जून 2021 को बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर धमाका हुआ था। इस मामले की जाँच शुरुआत में पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में इसे NIA के हवाले कर दिया गया। केंद्रीय जाँच एजेंसी ने इस ब्लास्ट के पीछे आतंकी साजिश का खुलासा किया था।
NIA ने कहा था कि पाकिस्तान स्थित लश्कर के आतंकियों ने चलती सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस ट्रेन (Secunderabad-Darbhanga Express train) को IED लगाकर ब्लास्ट करने की साजिश रची थी।
जाँच एजेंसी के मुताबिक, इकबाल काना के कहने पर नासिर खान और उसके भाई ने स्थानीय स्तर पर केमिकल को खरीदकर IED बनाया और इसे कपड़ों के एक पार्सल में रखकर 15 जून को सिकंदराबाद रेलवे कार्यालय में पार्सल कर दिया। चूँकि दरभंगा से ट्रेन रात में निकलती है और इसीलिए आतंकियों ने रात में ब्लास्ट की साजिश रची, लेकिन इनकी योजना फेल हो गई। रेलवे स्टेशन पर पार्सल उतारते वक्त ही इसमें ब्लास्ट हो गया। हालाँकि, कोई घायल तक नहीं हुआ। खास बात ये है कि इन्होंने अपनी पहचान छुपाने के लिए फर्जी पैन कार्ड का इस्तेमाल किया था।
दरअसल, आतंकी साल 2006 में मुंबई की चलती लोकल ट्रेन में ब्लास्ट जैसी योजना पर काम कर रहे थे।
मोहम्मद नासिर ने साल 2012 में पाकिस्तान का दौरा किया था, जहाँ उसने आईईडी और केमिकल बम बनाने की ट्रेनिंग ली थी। इस साजिश को अंजाम देने के लिए उसे पाकिस्तान से भी फंडिंग हुई थी।
NIA की जाँच के दौरान पता चला कि आरोपित सलीम अहमद और इकबाल काना एक ही गाँव के रहने वाले थे। इस कारण से पहले से ही एक दूसरे को जानते थे। शुरुआत में इकबाल काना नकली नोटों के धंधे में और सलीम अहमद तस्करी में शामिल था। उसने 1990-2005 के बीच कपड़े इंपोर्ट करने के नाम पर पाकिस्तान (Pakistan) का दौरा किया था।
वारदात के बाद उसके पाकिस्तानी आका नेपाल के रास्ते विदेश भागने की कोशिश में थे, लेकिन वो भी पकड़ लिए गए।