Monday, December 23, 2024
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कट्टरपंथी इस्लामी संगठन PFI का राष्ट्रीय और दिल्ली अध्यक्ष गिरफ्तार: 11 राज्यों में छापेमारी, दबोचे गए 100 से ज्यादा

केरल के मलप्पुरम जिले से पीएफआई के चेयरमैन ओएमएस सलाम को उठाया गया। इसी के दिल्ली अध्यक्ष परवेज अहमद को भी गिरफ्तार। देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली में एनआईए ऑफिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने टेरर फंडिंग और आतंकी गतिविधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। जाँच एजेंसियों ने गुरुवार (22 सितंबर 2022) सुबह 11 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के टॉप लोगों के घरों और दफ्तरों पर छापेमारी की।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमएस सलाम और इसी संगठन के दिल्ली अध्यक्ष परवेज अहमद को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया है। पीएफआई के लोग छापेमारी के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन करने उतर गए हैं। इसको देखते हुए दिल्ली में एनआईए ऑफिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जाँच एजेंसियों ने राज्यों में प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर 100 से ज्यादा PFI कैडर्स को गिरफ्तार किया है।

एजेंसियों ने केरल के मलप्पुरम जिले से पीएफआई के चेयरमैन ओएमएस सलाम को उठाया। पार्टी के लोग सलाम के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस कार्रवाई के बाद कर्नाटक, केरल में पार्टी के लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्नाटक पुलिस ने मंगलुरु में एनआईए की छापेमारी का विरोध कर रहे पीएफआई और एसडीपीआई के लोगों को हिरासत में ले लिया है।

वहीं, असम पुलिस ने राज्य भर में पीएफआई से जुड़े 9 लोगों को हिरासत में लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एएनआई को बताया कि कल (21 सितंबर 2022) रात असम पुलिस और एनआईए ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गुवाहाटी के हाटीगाँव इलाके में पीएफआई से जुड़े राज्य भर में 9 लोगों को हिरासत में लिया।

इसके अलावा NIA ने तमिलनाडु में कोयंबटूर, कुड्डलोर, रामनाद, दिंडुगल, थेनी और थेनकाशी समेत कई जगहों पर PFI से जुड़े बड़े लोगों के आवास पर रेड की है। छापेमारी के खिलाफ पीएफआई के 50 से ज्यादा लोग पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे।

बता दें कि इससे पहले 18 सितंबर 2022 को एनआईए (NIA) ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 23 ठिकानों पर छापेमारी की थी। जाँच एजेंसी ने ये छापेमारी कराटे प्रशिक्षण केंद्र के नाम पर संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) द्वारा ट्रेनिंग कैंप चलाए जाने के मामले में की थी।

एनआईए ने तब आंध्र प्रदेश के कुरनूल, नेल्लोर, कडपा, गुंटूर और तेलंगाना के निजामाबाद में संदिग्धों के घर व बिजनेस परिसरों की तलाशी भी ली थी। जाँच एजेंसी को इन तमाम जगहों पर संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर ही छापेमारी की गई थी।

पीएफआई और आतंक का इतिहास

पीएफआई का हिंसा फैलाने का काफी पुराना इतिहास है। नागरिकता संशोधन अधिनियम के मद्देनजर दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों और देश भर में दंगे की जाँच के दौरान पीएफआई की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। साथ ही, पीएफआई के कई सदस्यों को दंगों में शामिल होने के लिए गिरफ्तार भी किया गया था।

इसके अलावा, नवंबर 2020 में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने देश के विभिन्न हिस्सों में दंगे और हिंसा उकसाने के आरोपित किसानों के सरकार विरोधी प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया था। उसने प्रदर्शनकारियों को संविधान के संरक्षण के लिए संघर्ष करने के लिए कहा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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