Sunday, November 17, 2024
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11 आतंकियों के खिलाफ NIA ने दाखिल की चार्जशीट, इस्लामी शासन स्थापित करना चाहते थे

इस समूह ने यूएई में विभिन्न स्थानों पर मजहबी बैठकें और कक्षाएँ आयोजित की थीं। इन बैठकों का उद्देश्य भारत में इस्लामी शासन की स्थापना करना था। ये समूह अपनी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए जिहाद और खिलाफत का प्रचार करने में जुटा था।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) स्पेशल कोर्ट में NIA ने अंसारुल्लाह से जुड़े 11 आतंकवादियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है। चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपित जिहाद के जरिए भारत में इस्लामी शासन स्थापित करना चाहते थे।   

जिन आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया है, उसमें हसन अली, हरीश मोहम्मद, मोहम्मद इब्राहिम, मोहम्मद शेख मैथेन, मीरान गनी, गुलाम नबी असथ, अहमद अजरुद्दीन, तौफीक अहमद, मोहम्मद इब्राहिम, मोहम्मद अफजर और फारूक का नाम शामिल है। इनके खिलाफ आईपीसी और यूएपीए के विभिन्न धाराओं के तहत आरोप-पत्र दायर किया गया है।

NIA ने इस संबंध में एक प्रेस रिलीज जारी किया है। इसमें कहा गया है कि एजेंसी ने 9 जुलाई, 2019 को तमिलनाडु के सोलह आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 B, धारा 121 A के साथ ही  यूएपीए की धारा 17, 18, 18-B, 38 और 39 के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह मामला विश्वसनीय सूचना के आधार पर दर्ज किया गया था, जिसके मुताबिक आरोपितों और उनके सहयोगियों ने संयुक्त अरब अमीरात में रहते हुए साजिश रची थी।

साथ ही हिंसक जिहाद और गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने के माध्यम से भारत में इस्लामी शासन की स्थापना के उद्देश्य से मजहबी कक्षाएँ संचालित की गईं थीं। उन्होंने भारत में अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए एक आतंकी मॉड्यूल ‘अंसारुल्लाह’ बनाया था।

इस मामले में चौदह आरोपितों को हिंसक जिहाद और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने के इरादे से मजहबी बैठकों का आयोजन करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में गिरफ्तार किया गया था। संयुक्त अरब अमीरात और भारत में एनआईए द्वारा जाँच में पाया गया कि जिन आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया गया है, उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात में मोहम्मद इब्राहिम के नेतृत्व में एक जिहादी समर्थक समूह या जमात का गठन किया था।

इस समूह ने यूएई में विभिन्न स्थानों पर मजहबी बैठकें और कक्षाएँ आयोजित की थीं। इन बैठकों का उद्देश्य भारत में इस्लामी शासन की स्थापना करना था। ये समूह गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने के इरादे से कक्षाएँ आयोजित करती थीं, जिसका मुख्य टॉपिक जिहाद और खिलाफत हुआ करता था।

जानकारी के मुताबिक, हसन अली, हरीश मोहम्मद, मोहम्मद इब्राहिम, मीरान गनी, अहमद अजरुद्दीन सहित कई आरोपित, संगठन के हिंसक जिहादी विचारधारा का समर्थन और प्रसार करने के लिए आतंकवादी संगठन ISIS / Daish के साथ जुड़े थे। इसके अलावा आपराधिक साजिश रचने के आरोप में रफी अहमद, मुंतशिर, उमर बरोक, मोइदीन सेनी शाहुल हमीद और फैजुल शौर के खिलाफ जाँच जारी है। इन आतंकियों को यूएई से भगाया गया था। अन्य आरोपित सैय्यद मोहम्मद बुहारी और दीवान मुजिपीर एनआईए की प्रेस रिलीज के अनुसार तमिलनाडु के रहने वाले हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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