राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने चेन्नई के अहमद अब्दुल कादिर (40) और बेंगलुरु के इरफ़ान नासिर (33) को गिरफ्तार किया। दोनों ही इस्लामिक स्टेट (आईएस) मॉड्यूल के संदिग्ध हैं और इन पर युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल कराने के लिए फंडिंग उपलब्ध कराने का आरोप है।
दोनों को विशेष एनआईए अदालत ने 10 दिन की हिरासत में भेज दिया है। एनआईए ने बताया कि अब्दुल कादिर तमिलनाडु के चेन्नई स्थित एक बैंक में बतौर बिज़नेस एनालिस्ट (विश्लेषक) काम करता था। वहीं नासिर बेंगलुरु में बतौर चावल व्यापारी काम करता था।
एनआईए ने बुधवार को चेन्नई में कादिर और बेंगलुरु के नासिर के आवासों पर छापा मारा था। जाँच एजेंसी ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दोषी ठहराने वाले सबूत बरामद किए हैं। एनआईए की तरफ से यह कार्रवाई तब हुई जब जाँच के दौरान बेंगलुरु आधारित अब्दुर रहमान नाम के नेत्र विशेषज्ञ को आईएसआईएस से जुड़ी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया।
एनआईए अधिकारियों ने बताया कि रहमान 2014 में सीरिया में आईएसआईएस के आतंकवादियों के साथ लगभग 10 दिनों तक रहा था और आतंकवादियों की मदद के लिए एक एप्लीकेशन डेवलप कर रहा था। उसने कादिर और नासिर के नामों का खुलासा एनआईए से किया था।
एनआईए का आरोप है कि इन्होंने साल 2013 से 2014 के बीच युवाओं को सीरिया भेजने के लिए फंडिंग इकट्ठा की थी। एनआईए ने बताया कि जाँच में यह बात सामने आई है कि अहमद अब्दुल कादिर, इरफ़ान नासिर और इनके अन्य सहयोगी हिज्ब-उत-तहरीर नाम के संगठन के सदस्य थे।
उन्होंने ‘कुरान सर्किल’ नाम का नया संगठन बना लिया था, जिसमें वह भोले नौजवानों को शामिल करके उन्हें कट्टरपंथी बनाते थे और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों से जोड़ने के लिए फंडिंग करके उन्हें सीरिया भेजते थे। उनके द्वारा सीरिया भेजे गए 2 युवाओं की मौत हो गई।
एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि दोनों आरोपित संगठन के युवाओं को कट्टरपंथी और आतंकवादी गतिविधियों का हिस्सा बनाने में अहम भूमिका निभाते थे। वह हमेशा इस कोशिश में रहते थे कि ज़्यादा से ज़्यादा युवा आईएस के आतंकवादी मॉड्यूल का हिस्सा बनें।
इसके अलावा एनआईए ने दोनों आरोपितों के ठिकानों पर तलाशी ली, जहाँ से इलेक्ट्रॉनिक और अन्य प्रकार के उपकरण बरामद हुए थे। इसके अलावा अब्दुल कादिर और इरफ़ान नासिर को एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया जा चुका है। फ़िलहाल उन्हें पूछताछ के लिए 10 दिन की हिरासत में रखा जाएगा। एनआईए का इस मुद्दे पर कहना है कि बड़े षड्यंत्रों के खुलासे के लिए मामले की जाँच जारी है, जल्द ही कई अहम बातें सामने आएँगी।