राजस्थान में तैनात सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया गया है। पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई के हनीट्रैप (Honey Trap) में फँसकर वह सेना की गोपनीय जानकारी भेज रहा था। CID इंटेलिजेंस जयपुर की टीम ने उसे पकड़ा है। जवान की पहचान शांतिमोय राणा के तौर पर हुई है। वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला है।
इंटेलीजेंस के डीजी उमेश मिश्रा ने बताया, “करीब एक महीने की निगरानी के बाद पाया गया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, वाट्सएप के जरिए सेना का जवान दो ISI एजेंट के संपर्क में है। यह जवान इन लड़कियों के हनीट्रैप में फँस चुका था। गोपनीय सूचनाएँ शेयर करने के बदले जवान के बैंक खाते में ऑनलाइन पेंमेंट भी किया जाता था। शांतिमोय को 25 जुलाई को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उससे आगे पूछताछ की जा रही है।”
मिश्रा के मुताबिक, शांतिमोय राणा पश्चिम बंगाल के बांकुडा जिले के कंचनपुर गाँव का रहने वाला है। मार्च 2018 में वह सेना में भर्ती हुआ था। वह पिछले काफी समय से दो लड़कियों से हर रोज चैटिंग और वीडियो कॉल करता था। इन लड़कियों के कहने पर शांतिमोय राणा ने सेना के गोपनीय दस्तावेज की फोटो और युद्धाभ्यास के वीडियो भेजे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों लड़कियों ने खुद को यूपी का निवासी बताते हुए राणा से दोस्ती की थी। एक लड़की ने उसे अपना नाम गुरनूर गौर उर्फ अंकिता बताया, जबकि दूसरी ने अपना नाम निशा बताया था। गुरनूर ने खुद को सेना की इंजीनियरिंग सर्विस में यूपी में तैनात होना बताया था। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से जुड़ी लड़कियाँ भारतीय जवानों को फेसबुक मैसेंजर के जरिए अपने जाल में फँसाती हैं। फिर उनसे देश से जुड़ी गोपनीय सूचनाएँ मँगवाती हैं।
ISI की महिला एजेंट जवानों को अपने जाल में फँसाने से पहले पूरा होमवर्क करती हैं। कैप्टन रैंक के अफसरों द्वारा इन्हें मारवाड़ी और पंजाबी में बातें करने और रहन-सहन की ट्रेनिंग दी जाती है। यही नहीं, इन युवतियों को रिया, पूजा, अवनी, अनिका, हरलीन, मुस्कान जैसे नाम देकर हिंदू पहचान दी जाती है ताकि आसानी से सेना का जवान इनके जाल में फँस सके। इसी साल मई में यह बात सामने आई थी कि जोधपुर में तैनात गनर प्रदीप कुमार को अपने जाल में फँसाने वाली एजेंट रिया ने खुद को मिलिट्री नर्सिंग सर्विस की नर्स बताया था। उसने 10 लोगों को हनीट्रैप में फँसाया था।
गौरतलब है कि कई वर्षों से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI द्वारा खूबसूरत लड़कियों को भारतीय नागरिकों और जवानों के पीछे लगाया जाता रहा है। सोशल मीडिया के जरिए सेना के जवानों को अपने झाँसे में लेकर भारतीय सेना व सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े कई राज जुटाए जाते हैं और फिर उसे पाकिस्तान पहुँचाया जाता है। मुख्य तौर पर सेना के मूवमेंट और हथियारों के बारे में जानकारियाँ इकट्ठा करना इनकी मुख्य मंशा होती है।