पाकिस्तान ने आज (15 अगस्त) नियंत्रण रेखा (LoC) के पास विभिन्न स्थानों पर गोलीबारी कर संघर्ष-विराम का उल्लंघन किया। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में उसे अपने तीन सैनिकों से भी हाथ धोना पड़ा है। पाकिस्तान ने 5 भारतीय सैनिकों को भी मारने का दावा किया है, लेकिन मीडिया खबरों के अनुसार सेना ने इस दावे को नकार दिया है।
Indian Army denies Pakistan Army’s claims of 5 Indian soldiers dead in ceasefire violations along the Line of Control in #JammuAndKashmir pic.twitter.com/yKiLmcrGjE
— ANI (@ANI) August 15, 2019
Sources: 3 Pakistan Army soldiers killed in punitive proactive response after ceasefire violations by Pakistan Army. Ceasefire violations taking place in Uri and Rajouri sectors. #JammuAndKashmir https://t.co/gjRpQ1wwmx
— ANI (@ANI) August 15, 2019
कई सेक्टरों पर हुआ हमला
आ रही जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी हमला तीन सेक्टरों पर हुआ है। जिन सेक्टरों पर हमला हुआ है, वे हैं उरी, राजौरी और नांगी टेकरी इलाके का केजी (कृष्ण घाटी) सेक्टर। ज़ी न्यूज़ की खबर के मुताबिक हमला बिना किसी उकसावे के पाकिस्तान की तरफ से शुरू हुआ था। सेना की जवाबी कार्रवाई में तीन पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की खबर है।
‘इन्हें कायदे से जवाब दिया जाना चाहिए’
समाचार एजेंसी ANI ने स्थानीय कश्मीरी नागरिक मोहम्मद मुज़िर मुग़ल के हवाले से कहा कि अगर स्वतंत्रता दिवस पर ऐसा हमला होता है, तो प्रधानमंत्री मोदी को इसका कायदे से जवाब देना चाहिए। “मैं झंडारोहण समारोह में था। समारोह से लौटते हुए मैंने पाकिस्तानी छोर से गोलियों की आवाज़ सुनी।” ANI से ही बात करते हुए नांगी टेकरी के एक दूसरे निवासी चमनलाल ने कहा कि पाकिस्तान को यह समझना होगा कि यह पुराना हिंदुस्तान नहीं है जो ऐसी हरकतों पर चुप रहेगा।
तीन दिन में दूसरा हमला
पिछले तीन दिन के भीतर पाकिस्तान का यह सीमा पर दूसरा दुःसाहस है। इसके पहले 13-14 अगस्त, 2019 की रात भी पाकिस्तान ने जिहादियों की घुसपैठ कराने की कोशिश की थी, जिसे हिंदुस्तान की सेना ने नाकाम कर दिया। मीडिया सूत्रों के मुताबिक घुसपैठ में पाकिस्तानी सेना ने भी सहयोग किया था। अनुच्छेद 370 हटाकर हिंदुस्तान के जम्मू-कश्मीर का विलय पूर्ण कर लेने और इसकी मुख़ालफ़त में दुनिया में अलग-थलग पड़ जाने से पाकिस्तान की हताशा को देखते हुए सरकार को यह आदेश पहले से था, इसीलिए 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में संविधान पूरी तरह लागू करने के पहले ही सरकार ने वहाँ हज़ारों की तादाद में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी थी।