भारतीय सेना के एक अधिकारी को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में मंगलवार (31 अक्टूबर 2023) को बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्त अधिकारी मेजर के पद पर तैनात था, जो स्ट्रैटजिक फोर्स कमांड (SFC) विंग में तैनात था। हनीट्रैप में फँसकर सेना की खुफिया जानकारियाँ लीक करने वाले मेजर के खिलाफ विभागीय जाँच मार्च 2022 से चल रही थी। मेजर के अलावा ब्रिगेडियर रैंक तक के कुल 18 डिफेन्स स्टाफ की भी जाँच जारी है। ये सभी ‘पटियाला पैग’ नाम के व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्य थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2022 में मेजर, लेफ्टिनेंट कर्नल और ब्रिगेडियर रैंक के 18 सैन्य अधिकारियों के एक व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े होने का खुलासा हुआ था। जब इसकी जाँच की गई तो पता चला कि पटियाला पैग ग्रुप में कुछ पाकिस्तानी जासूस भी मौजूद हैं। विषय की गंभीरता को देखते हुए मामले में जाँच बैठा दी गई। इस जाँच के लिए ‘बोर्ड ऑफ़ ऑफिसर्स’ का पैनल बनाया गया।
मार्च 2022 में शुरू हुई इस जाँच पर अधिकारी अक्टूबर 2023 में निष्कर्ष पर पहुँच गए। उन्होंने पटियाला पैग ग्रुप के मेजर को हनीट्रैप के जाल में फँसे होने का दोषी पाया। मेजर जिस महिला के हनीट्रैप में फँसा था, उसका संबंध पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी से पाया गया। जाँच में यह भी निकलकर सामने आया कि मेजर ने महिला को भारतीय सेना के बारे में कई ख़ुफ़िया सूचनाएँ दीं।
रक्षा मंत्रालय ने आखिरकार मेजर की बर्खास्तगी की संस्तुति की। फाइल अंत में तीनों सेनाओं के सुप्रीम राष्ट्रपति के टेबल पर भेजी गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी मेजर की बर्खास्तगी पर मुहर लगा दी। फ़िलहाल पटियाला पैग ग्रुप के अभी 18 अन्य ऐसे सैन्य अधिकारी है, जिनके खिलाफ जाँच चल रही है। माना जा रहा है कि जाँच रिपोर्ट आने के बाद बाकी अधिकारियों पर भी एक्शन हो सकता है।