20 अप्रैल 2023 को जम्मू-कश्मीर के पुँछ में हुए आतंकी हमले में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। उस व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया है जिसने अपने घर में आतंकियों को पनाह दी थी। दरअसल आतंकी हमले के बाद आसपास के इलाके से 60 लोगों को पूछताछ के लिए उठाया गया था। इन्हीं में से एक नासिर अहमद ने आतंकियों को 2 महीने तक अपने घर में रखने की बात कबूली है।
नासिर पुँछ के मेंढर का रहने वाला है। पूछताछ में पता चला है कि करीब 2 महीने पहले चार आतंकी उसके गाँव पहुँचे थे। इनको नासिर ने अपने घर में पनाह दी। उनके लिए खाने-पीने, रसद और अन्य जरूरी सामान की व्यवस्था की।
पूछताछ में सुरक्षाबलों को नासिर के ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) होने का पता चला है। OGW वैसे लोग होते हैं जो जम्मू-कश्मीर में आम जिंदगी जी रहे होते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर आतंकियों की मदद करते हैं। मदद के बाद वे अपनी आम जिंदगी में लौट जाते हैं, जिससे किसी को उन पर शक नहीं होता। रिपोर्टों की मानें तो नासिर एलओसी पार बैठे पाकिस्तानी आतंकियों के भी संपर्क में रहा है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार हमले से पहले आतंकी भाटा धुरियाँ में एक पुलिया के नीचे छिपे हुए थे। हमले के लिए उन्होंने स्टील की गोलियों का इस्तेमाल किया था ताकि बख्तरबंद ढाल को भेद सके। जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने हमले के बाद जवानों के हथियार भी लूटे थे। बता दें हमले के बाद से ही इलाके में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अब तक एक भी आतंकी दबोचा नहीं जा सका है।
इस बीच राष्ट्रीय रायफल्स (RR) के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने राजौरी और पुँछ सेक्टर का दौरा किया। उन्होंने आतंकियों की धर-पकड़ के लिए सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन का जायजा लिया। उन्होंने दूरदराज के इलाकों में तैनात जवानों से मुलाकात भी की।
#LtGenUpendraDwivedi #ArmyCdrNC visited Rajauri & Poonch Sector & reviewed operational preparedness & took stock of ongoing operations.
— NORTHERN COMMAND – INDIAN ARMY (@NorthernComd_IA) April 26, 2023
He interacted with the troops deployed in remote areas and exhorted them to be innovative and relentless in their pursuit pic.twitter.com/F5K2tM3qWK
बता दें कि 20 अप्रैल की दोपहर को सेना का वाहन जब इफ्तार का सामान लेकर लौट रहा था, उसी समय खराब मौसम का फायदा उठाकर आतंकियों ने वाहन को निशाना बनाया। पहले गोलियाँ चलाईं और फिर ग्रेनेड से हमला किया। इसके बाद वाहन में आग लग गई। हमले में आरआर के पाँच जवान हवलदार मनदीप सिंह, हरकिशन सिंह, लांसनायक कुलवंत सिंह, सिपाही सेवक सिंह और लांसनायक देबाशीष बिस्वाल बलिदान हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली थी, जो पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ है।