उसका नाम फातिमा उर्फ अमीना उर्फ मोटी है। सब उसे मुरादाबाद के निसार अली की बीवी के तौर पर जानते हैं। उसके पास आधार कार्ड, वोटर कार्ड सहित तमाम दस्तावेज हैं। लेकिन ये उसकी असली पहचान नहीं है। उसकी असली पहचान है, एक घुसपैठिए की। म्यांमार के एक ऐसे रोहिंग्या घुसपैठिए की जो 17 साल पहले बांग्लादेश के रास्ते भारत में घुसी थी। उसे उत्तर प्रदेश में एक मीट फैक्ट्री में काम मिल गया। रहने को घर मिल गया। निकाह करने को शौहर मिल गया। दुनिया को उसकी असली पहचान की भनक तक नहीं लगती यदि मुरादाबाद पुलिस को किसी मुखबिर ने इसकी जानकारी नहीं दी होती।
पुलिस ने मिली सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए 17 अप्रैल 2023 को फातिमा और उसकी उन तीन बेटियों (रिहाना, गुलशन और अर्शी), जिन्हें वह लेकर भारत आई थी को गिरफ्तार कर लिया है। उसके शौहर निसार को भी गिरफ्तार किया है। निसार ने पूछताछ में कबूला है कि उसे फातिमा के भारतीय नहीं होने की जानकारी निकाह से पहले से ही थी। यह भी पता था कि वह अवैध तरीके से भारत में घुसी है।
ये सभी लोग पिछले 6-7 महीने से मुरादाबाद के कटघर इलाके की गली नंबर 8 में किराए के एक मकान में रह रहे थे। पूछताछ में फातिमा ने बताया है कि वह 17 साल पहले बांग्लादेश के रास्ते भारत आई थी। इसके बाद वह मेरठ की एक मीट फैक्ट्री में काम करने लगी। यहीं उसकी मुलाकात निसार से हुई।
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— MORADABAD POLICE (@moradabadpolice) April 18, 2023
उसने बताया है कि भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए उसने उम्र में कई साल छोटे निसार से निकाह किया। इसके बाद निसार ने सभी का आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड बनवाया। बैंक में खाते खुलवाए। कुल मिलाकर 17 साल पहले अवैध तरीके से भारत में घुसी एक रोहिंग्या महिला और उसकी बेटियों को वैध नागरिक बनाने में निसार ने पूरी मदद की।
जानकारी के अनुसार रोहिंग्या महिला का निसार से दूसरा निकाह किया था। उसके पहले शौहर की मौत हो चुकी है। उससे उसे तीन बेटियाँ हैं। उन्हें भी गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 10 फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, ई-श्रम कार्ड आदि बरामद किए गए हैं। कटघर थाना प्रभारी राजेश कुमार सोलंकी के अनुसार आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 471, विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 सी के तहत मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश कर चारों को पुलिस ने जेल भेज दिया है।