Friday, October 18, 2024
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एस-400 ‘सुदर्शन’ का दिखा दम: दुश्मनों के हमलावर ‘पैकेज’ का 80% हिस्सा किया साफ, IAF हुई और भी ताकतवर

भारतीय वायुसेना ने अब इस प्रणाली को पूरी तरह से एकीकृत कर लिया है, जिसके तीन स्क्वाड्रन पहले ही शामिल किए जा चुके हैं और 2026 में दो और की आपूर्ति होने की उम्मीद है।

भारत के सुदर्शन एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम ने शानदार तकनीकी दक्षता का प्रदर्शन किया है। सुदर्शन ने अपनी तैनाती के दौरान एक अभ्यास सत्र में दुश्मन के 80 प्रतिशत हमलावर लड़ाकू विमानों, मिसाइलों को मार गिराया, तो 20 प्रतिशत लड़ाकू विमानों को अपने हमले रोककर पीछे हटने को मजबूर कर दिया।

रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह अभ्यास भारतीय वायुसेना द्वारा एक थिएटर में किया गया था, जहाँ सेना ने लंबी दूरी के एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम सुदर्शन के एक स्क्वाड्रन को तैनात किया था। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना द्वारा मिसाइल प्रणाली के बल में पूर्ण एकीकरण को प्रदर्शित करने के लिए यह अभ्यास आयोजित किया गया था। एस-400 मिसाइल सिस्टम एक एकीकृत मल्टीफ़ंक्शन रडार के साथ आता है, जिसमें लक्ष्य की पहचान कर उसे नष्ट करने की ताकत होती है। इसमें एंटी-एयर मिसाइल लांचर और कमांड और कंट्रोल मिसाइल भी शामिल हैं। यह एक स्तरित रक्षा के लिए मिसाइलों को फायर करने में सक्षम है।

बता दें कि भारतीय वायुसेना ने अपने एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली का नाम पौराणिक संदर्भ में ‘सुदर्शन’ रखा है। सुदर्शन भगवान कृष्ण का प्राथमिक हथियार है। सुदर्शन एक बार चलने के बाद किसी भी लक्ष्य को पूरी तरह से नष्ट कर देता है। वहीं, भारतीय वायुसेना ने अब इस प्रणाली को पूरी तरह से एकीकृत कर लिया है, जिसके तीन स्क्वाड्रन पहले ही शामिल किए जा चुके हैं और 2026 में दो और की आपूर्ति होने की उम्मीद है। ये सौदा इसी साल पूरा हो जाना था, लेकिन अब इसके अगस्त 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।

सुदर्शन के 5 स्क्रॉड्रन की होनी है तैनाती, स्वदेशी-इजरायली मिसाइल भी मिली

गौरतलब है कि भारत ने रूस के साथ 2018-19 में एस-400 के 5 स्क्वॉड्रन के लिए 35,000 करोड़ रुपए से अधिक का समझौता किया था। भारत को तीन स्क्वॉड्रन मिल चुकी हैं, 2 अभी आनी आनी हैं। रूस पिछले 2 साल से यूक्रेन के साथ युद्ध में फंसा हुआ है, जिसकी वजह से एस-400 सिस्टम की डिलीवरी पर भी असर पड़ा है। हालाँकि रूस और भारत के बीच समझौते के मुताबिक, 2026 तक सभी 5 सिस्टम्स की आपूर्ति कर दी गई जाएगी। इस बीच, भारतीय रक्षा अधिग्रहण परिषद ने हाल ही में प्रोजेक्ट कुशा के तहत भारतीय लॉन्ग रेंज सरफेस एयर मिसाइल सिस्टम की खरीद को मंजूरी दी है। इसके अलावा स्वदेशी एमआर-एसएएम और आकाश मिसाइल सिस्टम के साथ-साथ इजरायली स्पाइडर क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम भी सेना को मिली हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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