महज एक सप्ताह बाद गणतंत्र दिवस की परेड के अवसर पर नई दिल्ली में राजपथ पर ‘स्वामीये शरणम् अय्यप्पा’ के पवित्र मंत्र का जाप सुनाई देने वाला है। 861 ब्रह्मोस मिसाइल रेजिमेंट (Brahmos Missile Regiment), जो भारत की सबसे घातक सेनाओं में से एक है, राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेगी और इस अवसर पर भगवान अयप्पा की मंत्रमुग्ध करने वाली प्रार्थनाओं का जाप करने जा रही है।
भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट का एक हिस्सा 861 मिसाइल रेजिमेंट, राजपथ पर इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल का प्रदर्शन करेगी। रेजिमेंट का ‘वॉर क्राई’ (युद्ध के दौरान लगाए जाने वाले नारे) ‘स्वामीये शरणम् अय्यप्पा’ है।
हाल ही में, 861 मिसाइल रेजिमेंट और उसके ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम ने 15 जनवरी को मनाए गए 73वें भारतीय सेना दिवस में भाग लिया था। इस अवसर पर भगवान अयप्पा के पवित्र मंत्रों को पहली बार सुना गया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब लोकप्रिय हुआ था।
How many of you know this ?
— Shilpa Nair (@shilpamdas) January 16, 2021
The War cry of Brahmos Missile Regiment is #SwamiyeSaranamAyyappa 😍😍😍 pic.twitter.com/Bu2gSUCSyV
संयोग से, ये युद्ध घोष यानी, वॉर क्राई रेजिमेंट द्वारा दुर्गा माता की जय और भारत माता की जय के नारों के साथ दोहराए गए। ब्रह्मोस रेजिमेंट का वॉर क्राई भगवान अयप्पा को श्रद्धांजलि के रूप में देखा जाता है क्योंकि उन्हें एक धनुष और तीर पकड़े बाघ के ऊपर सवार होकर बुरी ताकतों को पराजित करने का प्रतीक माना जाता है।
इसके अलावा, भारतीय सेना के नए भर्ती किए गए राफेल लड़ाकू जेट भी गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होंगे। वायु सेना ने घोषणा की है कि परेड एक ‘वर्टिकल चार्ली’ संरचना में होगी। वर्टिकल चार्ली एक विमान प्रदर्शन करने की एक विधि है जो कम ऊँचाई पर उड़ान भरती है और ऊपर की ओर उछलती है।
861 ब्रह्मोस मिसाइल रेजिमेंट
गौरतलब है कि 861 मिसाइल रेजिमेंट, भारतीय सेना में वर्तमान में तीन ब्रह्मोस रेजिमेंटों में से एक है। यह 20 जून 1963 को पहली बार 863 लाइट बैटरी से अपग्रेड किया गया था, जिसमें 35 हेवी मोर्टार रेजिमेंट की बैटरी के साथ 121 (स्वतंत्र) हैवी मोर्टार बैटरी (कांगो) को मर्ज किया गया था। पहले कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल सेवा राम थे। रेजिमेंट ने ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन पराक्रम में भी भाग लिया।