उत्तर प्रदेश पुलिस की ATS ने प्रतिबंधित इस्लामी कट्टरपंथी संगठन (PFI) से जुड़े सदस्यों की तलाश में कई स्थानों पर छापेमारी की है। शनिवार (6 मई 2023) को प्रदेश के कई जिलों में हुई इस छापेमारी के बाद अब तक 70 से अधिक संदिग्धों के हिरासत में लिए जाने की खबर है। PFI से जुड़े परवेज अहमद और रईस अहमद भी इनमें शामिल हैं। दोनों पर 50-50 हजार का इनाम घोषित है। परवेज और रईस पर भूमिगत हो कर कई राज्यों में PFI के नेटवर्क को खड़ा करने की कोशिश का आरोप है। इन्होंने दिल्ली, UP और केरल में PFI के सेंटरों से ट्रेनिंग ली थी।
UP ATS के मुताबिक सितम्बर 2022 में गिरफ्तार किए गए PFI से जुड़े 8 सदस्यों से हुई पूछताछ में कई नाम का खुलासा हुआ था। इसी क्रम में वाराणसी में परवेज अहमद और रईस अहमद के नाम सामने आए थे। परवेज और रईस CAA-NRC प्रदर्शनों के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय थे। दोनों फरार चल रहे थे। इन पर 153- A, 153- B के साथ UAPA एक्ट के तहत केस दर्ज था। ATS ने पकड़े गए संदिग्धों पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने और मज़हबी कट्टरता के प्रचार-प्रसार का आरोप लगाया है।
Uttar Pradesh Anti-Terrorism Squad (ATS) arrested two people identified as Parvez Ahmed and Raees Ahmed, who were carrying a reward of Rs 50,000 each. Both the accused were absconding and were involved in spreading the radical ideology of the banned organization PFI in Varanasi:… pic.twitter.com/LCacLrl31s
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 7, 2023
हिरासत में लिए गए संदिग्धों में मेरठ से समाजवादी पार्टी के नेता अब्दुल खालिक अंसारी भी शामिल हैं। लखनऊ से रिहाई मंच नाम का संगठन चलाने वाले वकील मोहम्मद शोएब को भी हिरासत में लिया गया था। हालाँकि पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। सबसे अधिक 11 संदिग्ध शामली जिले से हिरासत में लिए गए हैं। ATS ने PFI से जुड़े कुल 211 संदिध चिन्हित कर रखे हैं। इनकी तलाश में दबिश दी जा रही है।
इस छापेमारी के लिए ATS के विभिन्न ज़ोन को मिला कर 30 टीमें तैयार की गईं थी। कार्रवाई को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था। छापेमारी के बाद अलग-अलग जिलों से लगभग 70 लोगों को हिरासत में लिया गया है। छापेमारी 1 दर्जन से अधिक जिलों में हुई है। गौरतलब है कि सितंबर 2022 में केंद्र सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था।