उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए 7 शिक्षकों को उनके पद से निलंबित कर दिया है। उक्त शिक्षकों का निलंबन पुलवामा हमले को लेकर उनके द्वारा की गई अभद्र टिप्पणियों के कारण किया गया। इनमें से किसी ने पुलवामा हमले को जायज ठहराया था, किसी ने बालाकोट एयर स्ट्राइक की निंदा की थी तो किसी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की प्रशंसा की थी। फेसबुक, व्हाट्सएप्प और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों के जरिए ऐसा करने वाले लोगों से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार सख़्ती से निपट रही है। इतना ही नहीं, ऐसी करतूतों के लिए एक बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) को भी निलंबित कर दिया गया। बीएसए ग्रुप A शिक्षा अधिकारी होता है।
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2 निलंबन चुनाव की घोषणाओं के बाद लागू हुई आदर्श आचार संहिता के तहत किए गए। इतना ही नहीं, एक प्राइवेट शिक्षक पर भी ऐसी करतूतों के लिए एफआईआर दर्ज की गई है। द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक ख़बर के अनुसार, यूपी के मुख्य शिक्षा सचिव प्रभात कुमार ने कहा कि बीएसए को निलंबित करने से पहले पूरी प्रक्रिया के तहत जाँच की गई। वहीं, शिक्षकों के निलंबन वाली कार्रवाई जिला प्रशासनों ने अपने स्तर से तय की।
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आइए आगे जानते हैं कि किन लोगों को निलंबित किया गया और उन्होंने क्या किया था?
दिनेश यादव, BSA, मुज़फ़्फ़रनगर
इन्होंने पुलवामा हमले के पीछे आंतरिक साज़िश की बात कही थी। एक व्हाट्सप्प ग्रुप में इन्होंने पुलवामा हमले पर निंदनीय सवाल खड़ा किया था। निलंबन के बाद बीएसए ने कहा कि वह बस अपने एक दोस्त से चैट कर रहे थे। उन्होंने उच्चाधिकारियों को अपना उत्तर भेज दिया है।
सुरेंद्र कुमार, प्राथमिक विद्यालय प्राध्यापक, बाराबंकी
इन्होंने भी पुलवामा हमले को लेकर अलूल-जलूल बातें कहीं। शिक्षकों के व्हाट्सप्प ग्रुप में उनके द्वारा फैलाई जा रही चीजों को सर्विस रूल के विरुद्ध माना गया।
अमरेंद्र कुमार, प्राथमिक विद्यालय असिस्टेंट शिक्षक, सुल्तानपुर
इन्होंने शिक्षकों के व्हाट्सप्प ग्रुप में खुलेआम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की प्रशंसा की। इतना ही नहीं, इन्होंने इमरान ख़ान को शांति का मसीहा भी बताया। इन्हें सर्विस रूल के उल्लंघन के मामले में निलंबित किया गया।
रविंद्र कनोजिया, प्राथमिक विद्यालय असिस्टेंट शिक्षक, रायबरेली
भारतीय वायु सेना द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी कैम्पों पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद रविंद्र ने ‘जीत की प्रकृति’ पर सवाल उठाए थे। इसके लिए इन्होंने भारतीय विंग कमांडर अभिनन्दन को पाकिस्तान द्वारा बंधक बना लिए जाने का हवाला दिया था। सस्पेंशन ऑर्डर के अनुसार, इन्होंने सरकार और सेना के पराक्रम के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी की। साथ ही समाज में तनाव पैदा करने वाला कार्य किया। कनोजिया ने सफाई देते हुए कहा है कि उनके मोबाइल फोन से किसी और ने ये हरकत कर दी होगी।
#ExpressFrontPage Also suspended is a Basic Shiksha Adhikari (BSA), a Group-A education service officer. https://t.co/SwLg6huWPI
— The Indian Express (@IndianExpress) March 26, 2019
रवि शंकर यादव, प्राथमिक विद्यालय प्राध्यापक, मिर्ज़ापुर
रवि ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी की। सर्विस रूल के उल्लंघन के ममले में इन्हें 22 फरवरी को निलंबित किया गया।
नंदजी यादव, प्राथमिक विद्यालय असिस्टेंट शिक्षक, आजमगढ़
नंदजी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी की। पूछने पर यादव ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
सत्य प्रकाश वर्मा, प्राथमिक विद्यालय असिस्टेंट शिक्षक,श्रा वस्ती
जब 6 महीने के गैप के बाद इनका वेतन रिलीज किया गया, तब इन्होंने लिखा था, “कोई बहुत बड़ा तीर नहीं मार लिया”। इन्हें भेजे गए नोटिस में पूछा गया है कि इनके ख़िलाफ़ क्यों न आईटी एक्ट के तहत नोटिस जारी किया जाए? वर्मा ने कहा कि 6 महीने तक वेतन न मिलने से वह दबाव में थे, इसीलिए उन्होंने ऐसा लिखा।
निरंकार शुक्ल, प्राथमिक विद्यालय प्राध्यापक, रायबरेली
निरंकार 16 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने के कारण निलंबित किए गए। इन्होंने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया। इन्होंने कहा कि निलंबन से पहले इनके पक्ष को नहीं सुना गया।
राजेश शुक्ला, प्राथमिक विद्यालय असिस्टेंट शिक्षक, रायबरेली
राजेश बीमा कम्पनी एलआईसी पर बढ़ रहे कथित दबाव व रघुराम राजन द्वारा रिज़र्व बैंक के गवर्नर का पद छोड़ने का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ फेसबुक पर विवादित पोस्ट लिखा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा के अनुसार, इन्हें आदर्श आचार संहिता के तहत राजनीतिक कमेंट के लिए निलंबित किया गया। शुक्ल ने पूछा कि जो सरकार के पक्ष में कमेंट करते हैं, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती? उन्होंने सरकार के ख़िलाफ़ कोई कमेंट नहीं करने का दावा किया।
दिलीप सिंह यादव, प्राइवेट अन्तर कॉलेज, शाहजहाँपुर
इन्होंने राजनेताओं व जानवरों को माननीय बताते हुए उनका मज़ाक तो उड़ाया ही, साथ में इन्होंने जाति, धर्म, संप्रदाय वाली सौहार्द्रता के विरुद्ध कमेंट किया। इसके ख़िलाफ़ एफआईआर करने का निर्देश जारी किया गया है।
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