बांग्लादेश की सीमा पार करके अवैध घुसपैठियों की भारत में इंट्री थमने का नाम नहीं ले रही है। अक्सर फर्जी दस्तावेजों के सहारे घुसपैठ करने वाले बांग्लादेशी भारत में मानव तस्करी, नशे के कारोबार, चोरी, लूट और हमले जैसे आपराधिक कार्यों में संलिप्त पाए गए हैं। सुरक्षा एजेंसियाँ इन घुसपैठियों को चिह्नित करके इनकी धर-पकड़ में जुटी हुई हैं।
पिछले 12 दिनों की कार्रवाई में जाँच एजेंसियों को अवैध घुसपैठियों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल हुई है। पुलिस और ATS ने पिछले कुछ दिनों में कई बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है। इन घुसपैठियों के पास से फर्जी कागजातों सहित अन्य दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। अब सुरक्षा एजेंसियाँ इनके रैकेट की पड़ताल में जुटी हुई हैं।
नवी मुंबई से 5 घुसपैठी गिरफ्तार
31 मार्च 2024 को महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने अवैध तौर रह रहे 5 बांग्लादेशियों को नवी मुंबई से गिरफ्तार किया था। इनकी पहचान 22 वर्षीय अहत जमाल शेख, 40 वर्षीय रेबुल समद शेख, 25 वर्षीय रोनी सोरिफुल खान, 28 वर्षीय जुलु बिलाल शरीफ और 49 साल के मोहम्मद मुनीर मोहम्मद सिराज मुल्ला के तौर पर हुई थी।
ATS को इन सभी घुसपैठियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना मिली थी। ये सभी नवी मुंबई के घनसोली इलाके में जनाई कंपाउंड और शिवाजी तलाओ इनाम की जगह पर छिपकर रह रहे थे। ये पाँचों बांग्लादेशी राजमिस्त्री का काम करते थे। पुलिस ने इन पर विदेशी अधिनियम 1946 और पासपोर्ट अधिनियम 1950 के तहत कार्रवाई की गई है।
असम में झाड़-फूँक करने वाला बांग्लादेशी गिरफ्तार
31 मार्च 2024 को ही असम पुलिस ने 1 बांग्लादेशी को अवैध तौर पर भारत में रहते हुए पकड़ा था। घुसपैठी की पहचान ओसामा बिन हसन साजिब के तौर पर हुई थी। ओसामा बांग्लादेश के शेरपुर जिले का रहने वाला है, जो चोरी-छिपे मनकाचर इलाके में रह रहा था। यहाँ के झंझनी गाँव में रहने वाले ख़लीलूर मियाँ ने ओसामा को अपने घर में शरण दी थी।
ओसामा ने लगभग 8 महीने पहले मेघालय के महेंद्रगंज बॉर्डर से भारत में इंट्री की थी। इन 8 महीनों में वह मेघालय के कुछ क्षेत्रों के अलावा असम के मनकाचर इलाके में झाड़-फूँक करने वाले मौलवी के तौर पर काम करता रहा। विलेज डिफेन्स पार्टी नाम के एक स्थानीय संगठन ने पुलिस को गाँव में ओसामा हसन साजिब की मौजूदगी की सूचना दी थी।
उसे शरण देने वाले खलीलुर मियाँ को भी गिरफ्तार किया गया है। जाँच में यह भी पता चला था कि बांग्लादेशी घुसपैठी के भारतीय कागजात बनवाने की साजिश में ख़लीलुर मियाँ के साथ उसका बेटा मोफिदुल इस्लाम भी शामिल था। मोफिदुल इस्लाम फिलहाल फरार चल रहा है, जिसकी तलाश में दबिश दी जा रही है।
त्रिपुरा में 7 बांग्लादेशी घुसपैठी गिरफ्तार
23 मार्च 2024 को अगरतला स्टेशन पर रेलवे पुलिस ने अवैध रूप से भारत में इंट्री करने के आरोप में बांग्लादेश के 7 नागरिकों को गिरफ्तार किया था। इनमें 2 महिलाएँ और 10 माह का एक बच्चा भी शामिल है। तब बदरघाट में तैनात रेलवे पुलिस प्रभारी तापस दास ने बताया था कि 2 पुरुषों ने पुलिस की नजर से बचने के लिए महिलाओं का वेश बना रखा था।
पकड़े जाने पर इन सभी ने खुद के बांग्लादेशी होने की बात कबूली थी। अकेले अगरतला रेलवे स्टेशन से अब तक 20 से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठी पकड़े जा चुके हैं। पुलिस ने बताया कि अगरतला से ये सभी घुसपैठी चेन्नई जाना चाहते थे। इनके पास से मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए थे।
तब पुलिस ने बताया था कि जाँच के दौरान पता चला है कि बांग्लादेशी घुसपैठी चेन्नई और कोलकाता जैसे महानगरों में बसने की साजिश रच रहे हैं। भारत में घुसपैठ के लिए ये बांग्लादेशी ज्यादातर पूर्वोत्तर के राज्यों की सीमाओं का प्रयोग करते हैं।
त्रिपुरा में BSF ने 3 बांग्लादेशी घुसपैठियों सहित 1 भारतीय को दबोचा
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले 29 मार्च 2024 को एक और बड़ी कार्रवाई में सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने त्रिपुरा से 3 बांग्लादेशियों को पकड़ा था। इनका साथ दे रहे एक भारतीय को भी गिरफ्तार किया गया था। BSF की 43वीं बटालियन तस्करी की गतिविधियों के खिलाफ गश्त पर थी, तब देर रात एक गुप्त सूचना मिली।
सूचना पर BSF ने दक्षिण जिले के राजनगर पीआर बारी पुलिस के साथ मिलकर दबिश दी थी। समरेंद्रनगर इलाके में भारत की सीमा को अवैध रूप से पार करते हुए 3 लोगों को पकड़ा गया। तलाशी में इनके पास से तमाम फर्जी कागजात बरामद किए गए। जाँच के दौरान इन घुसपैठियों को भारत में इंट्री करवाने के आरोप में एक भारतीय नागरिक को भी पकड़ा गया था।
आगरा से 5 बांग्लादेशी गिरफ्तार
21 मार्च 2024 को उत्तर प्रदेश पुलिस ने आगरा में एक व्यापक तलाशी अभियान चलाया था। तब यहाँ 5 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 2 महिलाएँ भी शामिल थीं। ये सभी पिछले 3 वर्षों से अवैध तौर पर आगरा के ताजगंज इलाके में रह रहे थे। पूछताछ में पता चला कि इन्हें अज़ीज़ुल गाज़ी नाम का एक व्यक्ति भारत में लेकर आया था।
पुलिस ने अजीजुल गाजी और उसकी बीवी जन्नत को गिरफ्तार कर लिया था। इन दोनों ने अवैध बांग्लादेशियों को पैसे के बदले बॉर्डर पार करवाने की बात स्वीकार की थी। तलाशी के दौरान इन बांग्लादेशियों के पास से फर्जी आधार कार्ड, मोबाइल फोन, रेलवे टिकट और अन्य दस्तावेज बरामद हुए थे। अजीजुल की बीवी जन्नत का भी पासपोर्ट पुलिस ने जब्त कर लिया था।
वीजा रैकेट चलाने वाले 2 बांग्लादेशी दिल्ली में गिरफ्तार
10 मार्च 2024 को दिल्ली में 2 बांग्लादेशी घुसपैठी गिरफ्तार किए गए थे। इनमें से 20 साल का मोहम्मद अकीदुल इस्लाम तो दूतावासों के एजेंट के तौर पर काम कर रहा था। अकीदुल ने रोमानिया का वीजा हासिल करने के लिए भारत में मिला अपना मेडिकल वीजा बदलकर टूरिस्ट वीजा बना डाला था। इस बात का खुलासा तब हुआ, जब रोमानियाई दूतावास के एक अधिकारी ने शिकायत दर्ज करवाई थी।
बताया गया कि अजीजुल ने मेडिकल वीजा के आधार पर 19 जनवरी को भारत में इंट्री की थी। भारत में आकर उसने मेडिकल के बजाय पर्यटक वीजा दिखाने के लिए अपना फर्जी पासपोर्ट बनवा लिया था। इसके बाद अजीजुल रोमानिया के वीजा के लिए आवेदन दिया था। जाँच के दौरान रोमानियाई दूतावास के अधिकारियों ने पाया कि अजीजुल द्वारा लगाया गया पर्यटक वीज़ा फर्जी है।
इस मामले की जाँच के दौरान पुलिस को पता चला कि अजीजुल के साथ जालसाजी के इस काम में 38 वर्षीय बांग्लादेशी मुकर्रम भी शामिल है। मुकर्रम दूतावासों के एजेंट के तौर पर काम करता था। उसे अवैध तौर पर भारत में इंट्री करने की कोशिश करते हुए 29 फरवरी 2024 को दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर पकड़ा गया था।