राजस्थान के उदयपुर में हुई 28 जून 2022 को कन्हैया लाल का गला काट डाला गया था। इस मामले में एक और गिरफ्तारी हुई है। पकड़े गए आरोपित का नाम फरहाद शेख उर्फ़ बबला है। इस मामले में अब तक कुल 7 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
NIA ने फरहाद को कन्हैयालाल की हत्या की साजिश रचने के आरोप में पकड़ा है। वह 30 जून 2022 से हिरासत में था। उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि NIA ने रविवार (10 जुलाई 2022) को की। वहीं कन्हैया लाल के हत्यारों के कनेक्शन अजमेर दरगाह के जिस खादिम गौहर चिश्ती से होने की बात सामने आई थी, उसके नेपाल भागने की आशंका जताई जा रही है। मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने कन्हैया लाल की उनके टेलर शॉप में घुसकर बर्बर तरीके से हत्या कर दी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कन्हैयालाल की हत्या से पहले 16 जून को उदयपुर के पटेल सर्किल के पास एक सीक्रेट मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में कन्हैया लाल की हत्या की साजिश रची गई। इसमें फरहाद भी शामिल था। उसने ही कत्ल का वीडियो बनाने की सलाह दी थी ताकि उसे वायरल कर लोगों में डर पैदा किया जा सके। फरहाद चिकन शॉप चलाता है।
NIA Arrests 7th individual in Udaipur Killing Case (RC-27/2022/NIA/DLI) pic.twitter.com/E5813PA9qW
— NIA India (@NIA_India) July 10, 2022
बबला उर्फ़ फरहाद इस हत्याकांड के हत्यारे रियाज़ का रिश्तेदार बताया जा रहा है। उसने उदयपुर में लगभग आधे दर्जन नूपुर समर्थकों की रेकी करवाई थी, जिसमें कन्हैयालाल भी शामिल थे। आरोप है कि बबला ने उदयपुर और आस-पास के जिलों में लगभग 50 लोगों की गैंग बना रखी है। वह भी दावत-ए-इस्लामी का भी सदस्य बताया जा रहा है। इस घटना में सुरक्षा एजेंसियों को अब अमजद की तलाश है। आरोप है कि कन्हैया लाल की हत्या के बाद हत्यारों ने अमजद की ही दुकान पर कपड़े बदले थे।
अजमेर दरगाह के चिश्ती गौहर के नेपाल भागने की खबर @ANINewsUP pic.twitter.com/9m2jWK62x4
— Krishan pratap (@KrishanPratap0) July 11, 2022
इस बीच दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक रिपोर्ट में गौहर चिश्ती के नेपाल भागने की आशंका जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार गौहर लगातार अपना फोन और सिम बदल रहा है। इससे जाँच एजेंसियों को उसकी सही लोकेशन मिलने में दिक्क्तें आ रही हैं। उसके राजस्थान के अलावा कई अन्य राज्यों के लोगों से भी सम्पर्क बताए जा रहे हैं। इन पर भी जाँच एजेंसियों की कड़ी नजर है। गौहर अजमेर दरगाह के बाहर भड़काऊ नारेबाजी में शामिल था। वह कन्हैया लाल की हत्या से पहले उदयपुर गया था। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि कन्हैया लाल की हत्या के बाद दोनों हत्यारे अजमेर उसके पास ही शरण लेने आ रहे थे, लेकिन बीच रास्ते में पकड़े गए।