नन बलात्कार मामले में केरल के रोमन कैथोलिक चर्च के बिशप फ्रेंको मुलक्कल (Roman Catholic Bishop Franco Mulakkal) को कोर्ट से बरी करने के बाद प्रमुख हस्तियों और लोगों को प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। वे कोर्ट के फैसले से खासा आहत हैं। पिछले 3-4 वर्षों से पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास में जुटीं अनुपमा कोर्ट के फैसले से बेहद निराश हैं। कुराविलंगड में अपने कॉन्वेंट के बाहर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “पैसे और पॉवर की जीत हुई है। कोर्ट के फैसले से हम सबको दुख पहुँचा है। हम इस फैसले पर विश्वास नहीं कर सकते।”
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा (Rekha Sharma) ने भी इस फैसले पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “केरल अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय के फैसले से हैरान हूँ। पीड़िता को उच्च न्यायालय जाना चाहिए। न्याय की इस लड़ाई में एनसीडब्ल्यू उनके साथ है।”
अभिनेत्री रीमा कलिंगल भी कोर्ट के फैसले से खुश नहीं हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर कुराविलंगाडु की ननों की एक तस्वीर हैशटैग ‘अवलकोप्पम’ के साथ साझा की है। वहीं पार्वती थिरुवोथु ने नन की तस्वीर के साथ अपने फेसबुक पेज पर ‘ऑलवेज विद हर’ लिखा है।
जाँच टीम को झटका
यह फैसला अभियोजन पक्ष, जाँच दल और शिकायतकर्ता के लिए चौंकाने वाला है। मीडिया को जवाब देते हुए, स्पेशल पब्लिक प्रोसेक्यूटर जितेश जे बाबू ने कहा कि इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा, “मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि किस आधार पर कोर्ट ने इस मामले को खारिज किया है।” इस मामले की जाँच कर रहे कोट्टायम (Kottayam) जिले के पूर्व पुलिस प्रमुख हरिशंकर को भी इस फैसले से निराशा हुई है।
उनके (हरिशंकर) अनुसार, उन्हें उम्मीद नहीं थी कि कोर्ट नन से बलात्कार मामले में ऐसा फैसला सुनाएँगे, क्योंकि अभियोजन पक्ष और जाँच टीमों को इस मामले में 100 प्रतिशत यकीन था कि दोषी बिशप को सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह फैसला बलात्कार के मामलों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के विभिन्न फैसलों की अनदेखी करता है। निश्चित रूप से, यह फैसला भारतीय न्यायिक प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। हम इस फैसले को चुनौती देंगे, क्योंकि इस फैसले से समाज में गलत संदेश जा रहा है।
बता दें कि नन से दुष्कर्म के मामले में केरल के रोमन कैथोलिक चर्च के बिशप फ्रेंको मुलक्कल (Roman Catholic Bishop Franco Mulakkal) को कोर्ट ने शुक्रवार (14 जनवरी 2022) को बरी कर दिया था। इसके पीछे कोर्ट ने पीड़िता के बयानों में समानता का नहीं होना और आरोपित पर दोष को साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष द्वारा पर्याप्त सबूत उपलब्ध नहीं कराने जैसे कई कारणों का हवाला दिया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जी गोपाकुमार द्वारा सुनाए गए 289 पन्नों के फैसले के अधिकांश विवरण बाद में सामने आए थे।