भारत ने जिस तरह एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान में चल रहे आतंकियों के ट्रेनिंग कैंपों को ध्वस्त किया, उसके बाद ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान हमेशा के लिए ना सही, मगर कुछ समय के लिए तो आतंकियों की तरफदारी करना और सुरक्षा देना करना बंद कर देगा। लेकिन पिछले दिनों रेडियो पाकिस्तान ने जिस प्रकार आतंकियों को शहीद बताया, उससे साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान न तो सुधरने वाला है और न ही आतंकवादियों को लेकर अपनी नीतियों में कोई बदलाव लाने वाला है।
बता दें कि रेडियो पाकिस्तान में प्रसारित किए गए बुलेटिन में कश्मीर में मारे गए आतंकवादियों को शहीद बताया गया। इतना ही नहीं, जब कुपवाड़ा में भारतीय सेना द्वारा दो आतंकियों को मारा गया तो पाकिस्तान ने उसे भी शहीद करार दिया। कुपवाड़ा में हुए मुठभेड़ के बाद पाकिस्तान की तरफ से जिसे शहीद बताया जा रहा है वह असल में आतंकी थे।
पाकिस्तान को लेकर ऐसा माना जाता है कि वहां की फ़ौज जो कहती है, सरकार वही करती है। पुलवामा हमले के बाद भी जब इमरान खान का बयान सामने आया था तो इस तरह की बातें सामने आ रही थीं कि इमरान खान वही बोल रहे हैं, जो कि पाकिस्तानी सेना ने उन्हें लिखकर दिया है।
पाकिस्तान में चलने वाले ज्यादातर ट्रेनिंग कैंप सेना और आईएसआई के नियंत्रण में है, इसलिए सरकार के पास कुछ करने की ज्यादा पावर नहीं है। सैन्य विशेषज्ञ भी इस बात को मानते हैं कि पाकिस्तान जान बूझकर आतंकवादी गतिविधियों को बंद नहीं करता है।