राजस्थान सरकार ने राजस्थान के तीन ज़िलों में रहने वाले 34 पाकिस्तानी प्रवासी हिंदुओं को भारतीय नागरिकता प्रदान की है। हाल ही में, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव स्वरूप ने जानकारी दी थी कि जून के महीने में सरकार द्वारा 34 पाकिस्तानी हिंदू प्रवासियों को नागरिकता प्रदान की गई थी।
ख़बर के अनुसार, इनमें से कई हिंदू एक दशक से अधिक समय से भारत में रह रहे हैं। इनमें बाड़मेर के 19, पाली के 10 और राजस्थान के जालोर ज़िले के 5 लोग शामिल हैं।
बाड़मेर में, जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार शर्मा ने पिछले बुधवार (19 जून) को कलेक्टोरेट में 19 हिंदू प्रवासियों को नागरिकता के प्रमाण-पत्र सौंपे थे। कलेक्टर ने नए नागरिकों से भारत के नागरिकों को दी जाने वाली सभी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाने के लिए कहा है।
जानकारी के अनुसार, जनवरी 2019 से, 17 जून 2019 तक, 79 विस्थापित पाकिस्तानी हिंदुओं को भारतीय नागरिकता दी गई है। इससे पहले, मार्च में, राजस्थान में 44 प्रवासी पाकिस्तानी हिंदुओं को नागरिकता दी गई थी। 44 लोगों में से 12 बाड़मेर से, 15 उदयपुर से, 11 पाली से, और 06 जालोर ज़िले से थे।
पाकिस्तान में हिंदुओं पर घोर अन्याय, उत्पीड़न के साथ ही उनका जबरन धर्म-परिवर्तन के लिए भी दबाव डाला जाता है। हर हफ़्ते, कई हिंदू परिवार भारतीय वीजा के साथ थार एक्सप्रेस पर सवार होते हैं और भारत की यात्रा करते हैं, फिर कभी वापस नहीं जाते। वर्तमान में, राजस्थान और गुजरात में कई क्षेत्रों में सैकड़ों पाकिस्तानी हिंदू परिवार रहते हैं।
ख़बर के अनुसार, पाकिस्तान से आए प्रवासी हिंदुओं को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए एक व्यापक और लंबी प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है। नागरिकता के लिए आईबी और स्टेट सीआईडी की रिपोर्ट जरूरी होती है पासपोर्ट समाप्ति और वीजा वैधता अवधि भी महत्वपूर्ण हैं।
पाकिस्तान के कई हिंदू अक्सर अस्थायी शिविरों में रहते हैं और पुरानी गाड़ियाँ बेचकर जीवन यापन करते हैं। यहाँ तक कि शिक्षित हिंदू प्रवासी आवश्यक दस्तावेज़ों की कमी के कारण नौकरियों को सुरक्षित रख पाने में भी विफल रहते हैं।