देश के अधिकांश भागों में जहाँ 70% तक वोटिंग को ‘सफल’ मतदान माना जाता है वहीं गुजरात में ऐसा भी गाँव है जहाँ चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध होने के बावजूद लगातार 95-96% तक मतदान होता रहा है। है। गाँव वालों का मानना है कि चुनाव प्रचार से व्यर्थ ही माहौल खराब होता है।
राजकोट का गाँव, यहाँ पर चुनाव प्रचार पर ₹51 जुर्माना
राजकोट जिले के राजसमढियाल गाँव में राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार पर मनाही है क्योंकि गाँव वालों के अनुसार इससे गाँव का माहौल प्रदूषित होता है। इसके बावजूद ग्रामीण मतदान को लेकर इतने सजग हैं कि मतदान न करने वालों पर ₹51 जुर्माना भी लगाया जाता है। सरपंच अशोक भाई वाघेरा प्रचार पर रोक की इस परंपरा का श्रेय अपने पूर्ववर्ती सरपंच हरदेव सिंह जडेजा को देते हैं।
वह यह भी कहते हैं कि असल मतदान 100% के करीब होता है, पर मृत लोगों का नाम मतदाता सूची से न कट पाने या शादी के बाद गाँव के बाहर चली गईं महिलाओं का भी नाम सूची में रह जाने के कारण यह गिरकर 95-96% के आधिकारिक आँकड़े पर आ जाता है।
Gujarat: Political parties aren’t allowed to campaign in Rajsamadhiyala village. Sarpanch Ashok Bhai Vaghera says, “ever since Hardev Singh Jadeja became sarpanch,campaigning is banned as locals also think it’ll disturb the environment, half of ppl will go to one & half to other” pic.twitter.com/SQoDDIIIAZ
— ANI (@ANI) April 20, 2019
देश को लेना चाहिए सबक
देश के सभी मतदाताओं, खासकर कि शहरी मतदाताओं को, राजसमढियाल गाँव के लोगों से सीख लेने की जरूरत है। हमारे देश में एक ओर जहाँ अंधा राजनीतिक ध्रुवीकरण होता है, दूसरी ओर लोग मतदान करने निकलने से बचते हैं। इन चुनावों में भी पहले दो चरणों में भी क्रमशः 66.44% और 69.43% ही हुआ है, जोकि एक परिपक्व लोकतान्त्रिक देश के लिहाज से कतई संतोषजनक नहीं है।