अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा ‘पट्टली मक्कल काची’ (पीएमके) के एक अधिकारी की हत्या कर दी गई। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए तंजावुर जिले में कुंभकोणम के पास लगभग 250 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
घटना मंगलवार रात तिरुभुवनम में हुई। अज्ञात लोगों के एक समूह ने पीएमके के एक अधिकारी 42-वर्षीय रामलिंगम पर, जो उस समय घर वापस जा रहे थे, उन पर हमला कर हाथ काट दिया। गंभीर रूप से घायल रामलिंगम को कुंभकोणम के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। अस्पताल के डॉक्टरों ने रामलिंगम को शहर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में रेफर कर दिया। हालाँकि, अस्पताल ले जाते समय अत्यधिक रक्तस्राव के कारण रामलिंगम की मृत्यु हो गई।
Ramalingam in this video wears the skull cap & applies Tilak to people who were convincing to convert. Also questions about “We accept offerings made to your good but will you accept food oferred to Hindu God?” Shocking that such brave talk ended his life.#JusticeForRamalingam pic.twitter.com/8HpsJ3wJhh
— SG Suryah (@SuryahSG) February 6, 2019
तिरुविदाईमारुधुर पुलिस स्टेशन में तैनात एक पुलिस अधिकारी ने द न्यूज मिनट के संवाददाता को बताया कि इससे पहले भी कई बार रामलिंगम पर हमला हो चुका है। पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि पहली नजर में इस बात की संभावना लगाई जा रही है कि रामलिंगम की हत्या अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से बहस के बाद की गई है। पुलिस अधिकारी ने संवाददाता को यह भी बताया कि शहर के मुस्लिम लोग अक्सर अपने समुदाय बाहुल्य के क्षेत्र में जाते हैं। इन क्षेत्रों में मुस्लिम धर्म प्रचार को लेकर काम किया जाता है। यही नहीं इस क्षेत्र में दूसरे समुदाय के लोगों के आने पर भी रोक लगाई गई थी। जिस दिन घटना हुई उस दिन दलित समुदाय के कुछ लोग इस क्षेत्र में आए थे।
इस घटना के बाद इलाके में सांप्रदायिक तनाव की आशंका के तहत कुंभकोणम में और उसके आसपास के इलाके में लगभग 250 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। रामलिंगम के शव को उनके परिवार को सौंप दिया गया है, पुलिस अभी आरोपितों को पकड़ने के प्रयास कर रही है, साथ ही आईपीसी की धारा 302 (मर्डर) के तहत एक FIR भी दर्ज की गई है।
रामलिंगम अपने खानपान के व्यवसाय में काम करने वाले कुछ लोगों को लेने के लिए गली में चले गए थे और वहीं पर उन्होंने समुदाय विशेष के समूह को वहाँ इस्लाम के बारे में बोलते देखा, जिस पर उन्होंने सवाल उठाए।
हालाँकि, इस मुद्दे को दोपहर में मुस्लिम मौलवियों ने सुलझा लिया था। पुलिस को अभी संदेह है कि इन लोगों ने मामले को दबाने के लिए के लिए रामलिंगम के हाथों को काट दिया।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, “आमतौर पर गाँवों का दौरा करने वाले लोग खुद को मुस्लिम बहुल इलाकों तक ही सीमित रखते हैं, लेकिन मंगलवार को जो समूह प्रचार करने के लिए आया था, उसने कथित तौर पर एक ऐसी गली का दौरा किया था, जिसमें दलित समुदाय से संबंधित निवासियों की एक बड़ी संख्या थी।”