पश्चिम बंगाल में बीते दिनों हुए तमाम राजनीतिक और प्रशासनिक उठक-पटक के बीच इंडिया टुडे द्वारा किया गया स्टिंग ऑपरेशन ममता बनर्जी सरकार के झूठे दावे की पोल खोलने के लिए काफ़ी है। स्टिंग के जरिए यह बात सामने आई है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार ने जानबूझकर भाजपा की रथ यात्रा को गलत खुफिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए रुकवाया था। इसमें यह दावा किया गया था कि अगर राज्य में रथ यात्रा निकलती है तो साम्प्रादायिकता भड़केगी।
बीते दिनों भाजपा को कोलकाता में अलग-अलग स्थानों से 3 रथ यात्रा का आयोजन करना था। इस यात्रा को अमित शाह द्वारा हरी झंडी दिखाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की एक रैली को संबोधित करने के साथ इस अभियान को समाप्त करना था। लेकिन उस वक्त राज्य पुलिस और प्रशासन ने एक खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि अगर राज्य में रथ यात्रा निकलेगी तो ‘सांप्रदायिक भेदभाव’ बढ़ेगा, इसलिए हम इसकी इजाज़त नहीं दे सकते हैं।
बीजेपी ने इसके बाद रथयात्रा पर रोक के फै़सले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था, लेकिन कोर्ट ने भी यह कहते हुए बीजेपी की याचिका ख़ारिज कर दी थी कि राज्य सरकार की ओर से जताई गई आशकाएँ बेबुनियाद नहीं हैं।
स्टिंग में ख़ुलासा, इंटेलीजेंस इनपुट था ‘बनावटी’
इंडिया टुडे के द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में यह खु़लासा हुआ है कि ज़मीनी स्तर पर कोई खास इंटेलीजेंस इनपुट नहीं था, जिसके आधार पर रथ यात्रा पर रोक लगाने की बात को वाजिब ठहराया जा सके। दरअसल, स्टिंग करने वाली टीम पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में एक खुफिया अधिकारी जेपी सिंह से मिली।
इसमें उन्होंने इस बात को माना कि रथयात्रा को अगर इजाज़त मिलती तो वह प्रोटेक्शन देते, लेकिन उनके पास इसकी इजाज़त ही नहीं थी। इन सारी बातों का खु़लासा उस वक्त हुआ जब रिपोर्टर ने सवाल पूछा कि आपके पास किस तरह के इनपुट थे और कहाँ-कहाँ दंगे हो सकते थे।
#OperationRathYatra
— India Today (@IndiaToday) February 8, 2019
Bengal Intel officers confess that there was pressure from Mamata govt to block BJP’s rath yatra. Watch this special investigation report by @ojasjain11, @mdhizbullah
LIVE: https://t.co/4fqxBVUizL pic.twitter.com/dNzWHUsN3R
इसके अलावा एक अन्य सवाल में जब रिपोर्टर ने पूछा कि यह रिपोर्ट किसने बनाई थी, तो अधिकारी ने कहा, “हाँ, वो तो बनी, हर डिस्ट्रिक्ट ने बनाई। हर जगह ऐसा ही है… हम क्या बता रहे हैं कि मास्टर सिर्फ़ एक आदमी होता है दस लोग नहीं… रिपोर्ट उन्हीं के निर्देशों पर है और उसी के मुताबिक़ भेजी गई है।”
जेपी सिंह ने यह भी कबूल किया कि प्रस्तावित यात्रा पर उनकी रिपोर्ट अस्पष्ट इनपुट पर आधारित थी। उन्होंने कहा कि निर्देश ऊपर से आए थे। साथ में उन्होंने यह दावा भी किया कि सभी जिलों में खुफिया अधिकारियों ने रिपोर्ट बनाई थी।
एक अन्य अधिकारी बप्पादित्य घोष ने भी कहा कि उनके पास कोई सटीक इंटेलीजेंस नहीं थी, जो भाजपा की यात्रा को रोकने का कारण बने। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि वे कुछ राजनीतिक दबाव में थे। उन्होंने यह भी बताया कि मार्च 2018 में पश्चिम बर्धमान जिले से संबंधित सांप्रदायिक समस्या की सूचना उन्होंने दी थी। लेकिन वर्तमान समय में ऐसी किसी समस्या को लेकर ताजा इंटेलीजेंस इनपुट नहीं था।