ऑल्ट न्यूज़ के संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने कल कई लोगों की निजी जानकारियों को सार्वजनिक कर दिया था। ये वैसे लोग थे, जिनके विचार प्रतीक सिन्हा से नहीं मिलते। फ़ैक्ट चेकिंग की आड़ में सिन्हा ने ऐसे लोगों की निजी जानकारी सार्वजनिक करते हुए इस्लामी कट्टरपंथियों और जान लेने की धमकी देने वाले जिहादियों के लिए एक रास्ता दे दिया।
ऐसे लोगों की जानकारी बाहर आते ही इन सारे यूज़र्स को हत्या से लेकर तमाम तरह की हिंसक धमकियाँ मिलने लगीं, जो कि इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा सुनियोजित तरीके से चलाई जाती हैं। इनमें से एक यूज़र जिसका हैंडल @squintneon है, उसे लगातार ऑनलाइन जिहादियों से धमकियाँ दी जा रही हैं कि अब वो उसे पहचान सकते हैं और वो उसे छोड़ेंगे नहीं।
स्क्विंट नियॉन ने लगातार ऐसे इस्लामी जिहादियों को एक्सपोज़ किया था, जिसके कारण, अब उसकी पहचान सार्वजनिक होने पर उसे ये आंतिकी विचारों वाले लोग ढूँढ रहे हैं। मुहम्मद ज़ुबैर नाम के सहयोगी के साथ प्रतीक सिन्हा ने डॉक्सिंग करते हुए जानबूझकर स्क्विंट नियॉन को इन ऑनलाइन जिहादियों के समक्ष ला दिया। ऐसा यह यूज़र मानता है और मिल रही धमकियों से यह साबित भी हो रहा है। उसने पहले ‘लव जिहाद’ जैसे विषयों पर लिखा था।
उनका मानना है कि प्रतीक और ज़ुबैर जैसे लोगों को उनके ऐसे पोस्टों से परेशानी होने लगी थी, जहाँ ऐसे जिहादियों और आतंकी विचारों वाले लोगों को एक्सपोज़ किया जाने लगा था। यही कारण है कि प्रतीक सिन्हा ने निजी जानकारियों को पब्लिक कर दिया ताकि वो डर जाएँ और चुप होकर रहें।
इसके बाद अजीबोग़रीब तरीक़े से ट्विटर ने पीड़ित का ही अकाउंट सस्पैंड कर दिया है! जिस पीड़ित पर हिंसक हत्या से लेकर परिवार को भद्दी गालियाँ देते हुए कई ट्विटर अकाउंट साफ़ दिख रहे हैं, उसी को ट्विटर ने सस्पैंड कर दिया है। ट्विटर की कार्यप्रणाली लोगों की समझ से बाहर है, जहाँ उस व्यक्ति को कोई कुछ नहीं कह रहा, जिसने किसी व्यक्ति की प्राइवेसी पर हमला किया, हत्या की धमकियाँ दिए जाने का कारण बना, सोशल मीडिया पर बेशर्मी से उसे परेशान किया।
कई लोगों ने इस बात पर ट्विटर और ट्विटर इंडिया को ज़लील किया कि ये पहली बार नहीं है जब ट्विटर ने कन्ज़र्वेटिव विचार रखने वालों का पक्ष लिया है। ट्विटर का ये व्यवहार कट्टरपंथियों की तरफ़ पूरी तरह बायस्ड है। ट्विटर के सीईओ तो ये कह कर पहले भी फँस चुके हैं कि उनके स्टाफ़ वामपंथ से प्रभावित हैं।
So a rattled @TwitterIndia suspended @squintneon !! Was it @TwitterIndia who gave all the personal details to Stalker prateek?
— मिर्चा ग़ालिब (@mirchagalib) January 26, 2019
भाजपा के सांसद महेश गिरी ने भी ट्विटर के इस बर्ताव पर सवाल पूछा कि आखिर पीड़ित को ही सस्पैंड करने के पीछे उनकी क्या मंशा है?
Hello @TwitterIndia, Why has @squintneon been suspended? Just yesterday Congress trolls targeted one of their alleged admins & today the handle is suspended. Are you too playing from their side? @misskaul @PayalKamat
— Maheish Girri (@MaheishGirri) January 26, 2019
और तो और, एक ट्विटर यूज़र ने (जो प्रतीक सिन्हा की डॉक्सिंग का शिकार बन चुके हैं) बताया कि उनके द्वारा कई बार ज़ुबैर, ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक, को रिपोर्ट किया जा चुका है, और ट्विटर ने ये बात भी मानी की उनके ट्वीट ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करते हैं, फिर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया।
I have more than 10 such replies from twitter saying Zubair was found violating rules of twitter but they never took any action. pic.twitter.com/Mp4d9KhEVL
— Shash (@pokershash) January 26, 2019
प्रतीक सिन्हा ने जो किया है, वो निम्न स्तर का घटिया व्यवहार है जहाँ निजी खुन्नस के कारण उसने एक नवयुवक को जिहादियों की हिंसक विचारों के सामने ला खड़ा किया है। प्रतीक सिन्हा वामपंथी गिरोह के आँख का तारा है, जिसने तमाम लोगों के बुनियादी संवैधानिक अधिकारों पर हमला किया है। ट्वीटर ने इस नवयुवक का अकाउंट सस्पैंड करके बता दिया है कि वैचारिक स्वतंत्रता सिर्फ़ उन्हीं के लिए है, जो उनकी भाषा में, उनके विचारों को सहमति देते हैं।