स्वीडन में स्टॉकहोम की मस्जिद के सामने बकरीद पर कुरान जलाने के एक सप्ताह बाद फिर से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर प्रदर्शन की अनुमति माँगी गई है। कथित फ्री-स्पीच कार्यकर्ताओं ने यहूदियों की धार्मिक पुस्तक टोरा और ईसाइयों की धार्मिक पुस्तक बाइबिल को को जलाने की अनुमति के लिए पुलिस के समक्ष तीन आवेदन दिए हैं।
स्थानीय पुलिस ने बुधवार (5 जुलाई 2023) को स्वीडन के सरकारी ब्रॉडकास्टर को बताया कि उसे 30 साल के एक व्यक्ति ने 15 जुलाई को स्टॉकहोम में इज़राइल के दूतावास के बाहर यहूदी और ईसाई धर्मग्रंथों को जलाने का आवेदन प्राप्त हुआ था। यह प्रदर्शन ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की प्रतीकात्मक सभा’ के रूप में आयोजित करने के बारे में बताया गया।
पुलिस ने बताया कि स्टॉकहोम में कुरान को ‘जल्दी-से-जल्दी’ जलाने का एक और अनुरोध 50 वर्ष की एक महिला द्वारा किया गया है। पुलिस का कहना है कि उसने किसी भी अनुरोध को तुरंत खारिज नहीं किया। पुलिस का कहना है कि प्रत्येक आवेदन की व्यक्तिगत आधार पर समीक्षा की जाती है।
स्वीडन में इज़राइल के राजदूत ज़िव नेवो कुलमन ने इस पर अनुरोध पर निराशा व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, “मैं स्वीडन में और अधिक पुस्तकों को जलाने की आशंका से स्तब्ध और भयभीत हूँ। चाहे वह कुरान हो, टोरा हो या कोई अन्य पवित्र पुस्तक हो। यह स्पष्ट रूप से घृणा का कार्य है, जिसे रोका जाना चाहिए।”
बताते चलें कि स्वीडन के स्टॉकहोम शहर की सबसे बड़ी मस्जिद के बाहर कुरान जलाया गया था। प्रदर्शन इराकी मूल का था। उसने प्रदर्शन के लिए पुलिस से इजाजत माँगी थी, लेकिन पुलिस ने इजाजत नहीं दी। इसके बाद वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते कोर्ट से इजाजत माँगी गई और कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी।
इस घटना के बाद इस्लामी दुनिया में बवाल हो गया और इस्लामी मुल्कों ने इसकी निंदा की। 57 देशों का इस्लामी संगठन (OIC) इस मामले पर जल्दी ही बैठक करने वाला है। वहीं, पाकिस्तान ने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाया है।