जम्मू स्थित टाडा कोर्ट ने अलगाववादी यासीन मलिक के ख़िलाफ़ ट्रायल शुरू कर दिया है। मामला 1990 का है, जब भारतीय वायुसेना के 4 निहत्थे जवानों की हत्या कर दी गई थी। इनमें स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना भी शामिल थे।इस घटना के 30 साल बाद ट्रायल शुरू किया गया है, जिससे वीरगति को प्राप्त जवानों के परिजनों की न्याय की आस फिर से जगी है। टाडा कोर्ट ने तिहाड़ जेल में बंद यासीन मलिक को पेश करने का भी आदेश दिया है।
Terrorist and Disruptive Activities (Prevention) Act (TADA) कोर्ट इस मामले में 1 अक्टूबर को सुनवाई करेगी। आरोप है कि जिन आतंकियों ने जवानों की हत्या की थी, वे यासीन मलिक द्वारा संचालित आतंकी संगठन के सदस्य थे। यह घटना जनवरी 25, 1990 को हुई थी। गोलीबारी की इस घटना में टाडा कोर्ट ने यासीन मालिक सहित 4 आरोपितों को पेश होने का आदेश दिया है।
1990 में इस मामले में सीबीआई ने टाडा कोर्ट के समक्ष 2 चार्जशीट दायर की थी। 1995 में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने ट्रायल पर रोक लगा दी थी। यासीन मलिक टेरर फंडिंग के मामले में भी आरोपित है और फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। उसे पुलवामा हमले के बाद गिरफ़्तार किया गया था।
Story of how terrorist Yasin Malik unfolded the brutal killing of IAF men with friends. Macabre Dance of Jihad around the dead bodies on Jan 25th, 1990. From my article earlier this year. Malik deserves nothing short of death sentence by the court of law. https://t.co/5cuPyj3cNa pic.twitter.com/ejizRDWAy5
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) September 11, 2019
भारतीय वायुसेना के जवानों की हत्या तब की गई जब उनके पास कोई भी हथियार नहीं था और वे एयरपोर्ट जाने के लिए बस का इन्तजार कर रहे थे। वहाँ भारतीय वायुसेना के 14 जवान थे। तभी अचानक से एक मारुति जिप्सी और एक बाइक से 5 आतंकी वहाँ पहुँचे और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, उन्होंने एके-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जवानों के अलावा 2 कश्मीरी महिलाओं की भी हत्या कर दी गई, जो बस का इंतजार कर रही थीं। आतंकियों ने ख़ून से लथपथ जवानों के सामने डांस करते हुए जिहादी नारे भी लगाए थे।