उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में गौ-तस्करों ने आतंक मचा रखा है। राज्य के अलग-अलग जिलों से तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं। तीन दिसंबर को बुलंदशहर में गोकशी की बात पर भारी हिंसा हुई थी। इस हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर व एक अन्य युवक की मौत हो गई थी। जिसके बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के आलाधिकारियो को गोकशी जैसे मामले पर सख्त दिशानिर्देश दिए थे। इतना सबकुछ होने के बावजूद गौ-तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं।
5 जनवरी को गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस मुज़फ़्फ़रनगर के शिकारपुर गांव पहुँची। पुलिस को देखते ही तस्करों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। जिसके बाद पुलिस की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई। दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में एक सिपाही और एक तस्कर के घायल होने की खबर है। दो तस्कर मौके से भाग निकलने में सफल रहे जबकि दो लोगों को पुलिस ने मौके पर हिरासत में ले लिया है।
मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस अधीक्षक आलोक शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि घटना स्थल पर पुलिस को 100 किलो गौमांस मिला है। पुलिस ने घायल अभियुक्त को हिरासत में लेने के बाद अस्पताल में भर्ती कर दिया है।
इससे पहले मेरठ में पुलिस और गौ-तस्करों के बीच चली थी गोली
उत्तर प्रदेश में तस्करी के मामले आए दिन देखने को मिलते हैं। गौ-तस्कर और पुलिस के बीच गोलीबारी समान्य-सी बात हो गयी है। सात दिसंबर को देर रात मेरठ के मुंडाली क्षेत्र में भी गौ-तस्करों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी। दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में आखिरकार दो घायल गौ-तस्करों को पकड़ने में पुलिस कामयाब रही थी। घायल तस्कर को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कर दिया था। घायल की पहचान इमामउद्दीन और एजाज के रूप में हुई थी।
जब गौ-तस्करी में शामिल पुलिस वालों पर बरसा योगी का कहर
राज्य में लॉ एंड आर्डर को बनाए रखने के लिए योगी आदित्यनाथ लगातार पुलिस को दिशा निर्देश देते रहते हैं। इसके बावजूद यदि कोई पुलिस अधिकारी कानून को हाथ में लेते पकड़ा जाता है, तो योगी सरकार उसे सेवा मुक्त करने में भी देर नहीं करती है। पिछले दिनों गौ-तस्करी को बढ़ावा देने वाले दो दरोगा और 9 सिपाही की छुट्टी हो चुकी है। इसमें जहानाबाद थाने के कस्बा इंचार्ज एसआई रहे महेंन्द्र कुमार वर्मा, हेड कांस्टेबल नरेन्द्र कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल शहनवाज हुसैन आदि थे।