पाकिस्तान द्वारा एफ-16 लड़ाकू विमानों का दुरुपयोग करने को लेकर अमेरिका ने भौहें चढ़ा ली है। अमेरिका ने इसे एक गंभीर मुद्दा बताया है। बता दें कि भारत द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर ‘एयर स्ट्राइक’ करने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने अमेरिका से ख़रीदी हुई एफ-16 का इस्तेमाल कर भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। जवाब में भारतीय वायु सेना ने एक एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था। अब अमेरिका ने कहा है कि वह इस मुद्दे की काफ़ी बारीकी से जाँच कर रहा है। हालाँकि, पाकिस्तानी वायु सेना ने इसका खंडन किया था।
#BreakingNews। F16 के इस्तेमाल पर अमेरिका नाराज़, पाकिस्तान के ख़िलाफ़ ऐक्शन लेगा अमेरिका. देखें पूरी रिपोर्ट @jaspreet_k5 pic.twitter.com/wHdkvXHkE1
— News18 India (@News18India) March 6, 2019
भारत पहले ही पाकिस्तान द्वारा एफ-16 के दुरुपयोग के सबूत पेश कर चुका है। भारत ने विमान के कुछ टूटे हिस्सों के चित्र भी जारी किए थे। इतना कुछ होने के बावजूद पाकिस्तान मानने को तैयार नहीं हो रहा है और लगातार इस बात को नकार रहा है। अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल कोन फॉल्कनर ने इस बाबत कहा- “विदेशी सैन्य बिक्री समझौते में गैर प्रकटीकरण समझौतों के कारण हम उपयोगकर्ता के समझौते जैसे विषय पर चर्चा नहीं कर सकते हैं।”
अमेरिका उच्च तकनीकी रक्षा उपकरणों के मामले में विश्व के सबसे बड़े विक्रेताओं में से एक है। समझौते का पालन न करने वाले देशों के साथ अमेरिका का सख्ती से पेश आने का इतिहास रहा है। ऐसे में, पाकिस्तान का भी बचना मुश्किल है। पाकिस्तान को एफ-16 आतंकियों का सफाया करने और आत्मरक्षा के लिए दिया गया था। पाकिस्तान पर पहले से ही इसके दुरुपयोग को लेकर कई प्रतिबन्ध लगे हुए हैं।
#भारत ने #अमरीका को इस बारे में सबूत दिया है कि #पाकिस्तान ने पिछले महीने की 27 तारीख को भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों पर अपने नाकाम हवाई हमले के दौरान एफ-16 लड़ाकू विमानों और हवा से हवा में मार करने वाली अदृश्य मिसाइल एमराम का इस्तेमाल किया था।
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) March 6, 2019
एक अन्य ख़बर के मुताबिक़, अमेरिका ने पाकिस्तान पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अमेरिका ने उनके देश में आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को मिलने वाले वीज़ा की अवधि घटा दी है। पहले पाकिस्तानी नागरिकों को जो 5 साल का वीज़ा मिलता था, अब उसकी अवधि घटाकर सिर्फ़ 3 महीने कर दी गई है। इतना ही नहीं, वीजा के लिए लगने वाली फ़ीस में भी बढ़ोतरी कर दी गई है। अगर कोई पाकिस्तानी 12 महीने से अधिक अमेरिका में रहना चाहता है तो उसे पाकिस्तान लौट कर अपने वीजा रिन्यू करना पड़ेगा।
अमिका ने जो आँकड़े जारी किए हैं, उनसे पता चलता है कि उसने सिर्फ़ 2018 में 38 हज़ार से भी अधिक पाकिस्तानियों को वीजा देने से इनकार कर दिया था। अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकी संगठनों पर नकेल न कसने के लिए जम कर लताड़ भी लगाई है।