भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (25 अप्रैल 2024) को संयुक्त राज्य अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों पर चल रही पुलिस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। मंत्रालय ने कहा कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जिम्मेदारी की भावना और सार्वजनिक सुरक्षा एवं व्यवस्था का संतुलन होना चाहिए।
मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “लोकतांत्रिक देशों को विशेष रूप से दूसरे लोकतांत्रिक देशों के लिए समझ को प्रदर्शित करना चाहिए, क्योंकि हम सभी का मूल्यांकन इस बात से किया जाता है कि हम घर पर क्या करते हैं, न कि हम विदेश में क्या कहते हैं।”
#WATCH | On protests at Columbia University and other Universities in the US, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "We have seen reports on the matter and have been following related events. In every democracy, there has to be the right balance between freedom of expression,… pic.twitter.com/15ycFpQ6vl
— ANI (@ANI) April 25, 2024
बता दें कि 17 अप्रैल को अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय में फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन हुआ। इसके बाद यह प्रदर्शन फिर न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, येल विश्वविद्यालय, इलिनोइस विश्वविद्यालय और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले और दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय तक फैल गया।
फ़िलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने इन विश्वविद्यालयों के अंदर ‘लिबरेटेड एन्कैंपमेंट ज़ोन‘ स्थापित किए हैं। इसके बाद अमेरिका की पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की और कइयों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बुधवार (24 अप्रैल 2024) को दक्षिण कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करना शुरू किया।
इस बीच टेक्सास यूनिवर्सिटी से दर्जनों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया। पुलिस को लाठी-डंडों के साथ दंगा भड़काने वाली मुद्रा में देखा गया और एक-एक करके गिरफ्तार करने से पहले उन्होंने प्रदर्शनकारियों के एक समूह को घेर लिया गया। उन्हें पकड़-पकड़कर पुलिस अपने साथ लेकर चली गई।
वहीं, सोमवार (22 अप्रैल 2024) को येल विश्वविद्यालय के एक शिविर से 40 से 48 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। उसी सप्ताह में न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में 133 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। मंगलवार (23 अप्रैल 2024) को मिनेसोटा विश्वविद्यालय से लगभग 9 फ़िलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया गया।
#WATCH | On the US State Department report on Human Rights, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "This report is deeply biased and reflects a poor understanding of India. We attach no value to it and urge you to do the same." pic.twitter.com/4XIHgnoswP
— ANI (@ANI) April 25, 2024
अमेरिका में फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन और उसके बाद गिरफ्तारियों के अलावा, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने हाल ही में प्रकाशित अमेरिकी विदेश विभाग की विवादास्पद रिपोर्ट जिसका शीर्षक है ‘Country Reports on Human Rights Practices’ (मानवाधिकार पर देशों की रिपोर्ट) पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
इस रिपोर्ट के सारांश में 3 मई से 15 नवंबर 2023 के बीच मणिपुर में हुई हिंसा का जिक्र किया गया है। इसके अलावा, रिपोर्ट में उमर खालिद, अतीक अहमद, सिद्दीकी कप्पन, खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर जैसे लोगों की चर्चा थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को पक्षपातपूर्ण बताया और कहा कि मीडिया इसे महत्व ना दे।
(यह रिपोर्ट मूल रूप से अंग्रेजी में लिखी गई है। आप इस लिंक पर क्लिक करके विस्तार से पढ़ सकते हैं।)