पश्चिम बंगाल से हिंसा का एक और वीडियो सामने आया है। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान यहाँ TMC (तृणमूल कॉन्ग्रेस) के गुंडों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा की खबरें आई थीं। कइयों को पलायन करना पड़ा था, भाजपा ने एक जाँच समिति बना कर भी वहाँ भेजा था जिसकी रिपोर्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष JP नड्डा को भी सौंपी जा चुकी है। अब नया वीडियो सामने आने के बाद पार्टी के IT सेल के मुखिया व राज्य में प्रभारी अमित मालवीय ने निशाना साधा है।
उन्होंने इस वीडियो को शेयर करते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासन का ये एक एक भयावह चेहरा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ के बीच एक महिला और एक पुरुष को जमीन पर पटक कर पीटा जा रहा है। आरोपित की पहचान ताजेमुल के रूप में हुई है, जिसे स्थानीय लोग JCB नाम से बुलाते हैं। वो ‘त्वरित न्याय’ देने के लिए जाना जाता है, उसकी नज़र में पुलिस-कोर्ट की कोई हैसियत नहीं। अमित मालवीय ने बताया है कि चोपरा के विधायक हमीदुल रहमान का वो करीबी है।
अमित मालवीय ने कहा, “भारत को TMC द्वारा संचालित पश्चिम बंगाल में शरिया अदालतों की वास्तविकता से अवगत होना चाहिए। हर गाँव में एक संदेशखाली है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी महिलाओं के लिए अभिशाप हैं। पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था का कोई नामोनिशान नहीं है। क्या ममता बनर्जी इस राक्षस के खिलाफ कार्रवाई करेंगी या उसका बचाव करेंगी जैसे उन्होंने शेख शाहजहाँ के लिए खड़ी हुई थीं?” बता दें कि संदेशखाली में जनजातीय समाज की महिलाओं का यौन शोषण करने वाले शेख शाहजहाँ और उसके गुर्गों को बचाने के लिए बंगाल सरकार ने दिन-रात एक कर दिया था।
This is the ugly face of Mamata Banerjee’s rule in West Bengal.
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 30, 2024
The guy in the video, who is beating up a woman mercilessly, is Tajemul (popular as JCB in the area). He is famous for giving quick justice through his ‘insaf’ sabha and is a close associate of Chopra MLA Hamidur… pic.twitter.com/fuQ8dVO5Mr
ये घटना पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर स्थित चोपरा के लक्ष्मीकांतपुर की बताई जा रही है। ‘राष्ट्रीय महिला आयोग’ (NCW) को भी इससे अवगत करा दिया गया है। पश्चिम बंगाल में इस तरह से एक इस्लामी कट्टरपंथी द्वारा ‘कंगारू कोर्ट’ चलाए जाने का वीडियो आने के बाद एक बार फिर से राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। भाजपा के कई कार्यकर्ता अब तक पार्टी दफ्तर में परिवार के साथ रहने को मजबूर हैं। गाँव के गाँव खाली हो गए हैं।