कुरान के पन्नों पर थूकने और उन्हें फाड़ने के एक दिन बाद एथीस्ट रिपब्लिक के संस्थापक अर्मिन नवाबी ने हिन्दुओं की आस्था को अपमानित करने का काम किया है। अर्मिन नवाबी ने हिन्दुओं की आराध्य माँ काली की एक भद्दी और बेहूदा तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है।
अर्मिन नवाबी ने ट्विटर पर माँ काली की एक बेहूदा तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है, “मैं हिन्दू धर्म से प्यार करने। मुझे पहले नहीं पता था कि तुम्हारी देवियाँ इतनी कामुक हैं। कोई व्यक्ति कोई और धर्म क्यों अपनाएगा?”
Okay! I’m in love with Hindusim. I never knew you had sexy goddesses like these. Why would anyone pick any other religion?
— Armin Navabi (@ArminNavabi) September 3, 2020
Source: https://t.co/Fk87PfsaSL pic.twitter.com/rhuW4bMtvs
जिस तरह से इस तस्वीर में देवी काली को चित्रित किया गया है और अर्मिन नवाबी ने सन्देश दिया है, उस ओर कई लोगों ने आपत्ति जताई है कि यह नास्तिकता नहीं बल्कि बलात्कारी मानसिकता को दर्शाता है। एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा है कि अर्मिन नवाबी यह सिर्फ इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह भी जानता है कि उसे हिन्दुओं से कभी भी जान का खतरा नहीं हो सकता। इस ट्विटर यूजर ने लिखा है कि उसे इस बात पर गर्व भी है, और अर्मिन नवाबी अब हिन्दुओं को सिर्फ इसलिए निशाना बना रहा है क्योंकि वह कुरान को अपमानित करने के बाद मुस्लिम्स का ध्यान भटकना चाहता है।
U are probably concentrating on riling Hindus because you know no matter what you do there will be no threat to you from us and I am proud of this fact. It is also probable you are doing this to distract and placate murderous Muzlims coming at u for the Koran desecration video.
— Moksha (@Karm_sutr) September 3, 2020
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले अर्मिन नवाबी, जो कि एक पूर्व ईरानी मुस्लिम और AtheistRepublic.com (एथीस्ट रिपब्लिक) का संस्थापक है, ने मुस्लिमों की पाक किताब कुरान पर थूककर उसे फाड़ दिया था और साथ ही लोगों से अपनी निजी जिम्मेदारी पर ऐसा ही करने की सलाह भी दी थी।
अर्मिन नवाबी ने मंगलवार (सितम्बर 01, 2020) को ट्विटर पर एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें वह कुरान के पन्नों पर थूकते हैं और फिर उसके पन्ने फाड़ देते हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक हैशटैग लिखा है – “कुरान का अपमान करो।”
अर्मिन नवाबी का यह ट्वीट ऐसे समय में आया है जब स्वीडन और नॉर्वे मुस्लिमों द्वारा भड़काए गए दंगों का शिकार हुए और इसी समय पर पेरिस की शार्ली एब्दो मैगजीन पर वर्ष 2015 में हुए आतंकी हमले की सुनवाई शुरू हो रही है।