कॉन्ग्रेस की नेशनल मीडिया कॉर्डिनेटर राधिका खेरा ने ‘भक्तों’ के नाम से किए गए अपने ट्वीट पर सफाई दी है। उन्होंने अपने ट्वीट के 12 घंटे बाद बताया है कि उनका ट्वीट भारत-पाकिस्तान मैच से जुड़ा हुआ नहीं था। हालाँकि, अपने नए पोस्ट में उन्होंने यह साफ नहीं किया कि अगर यह पोस्ट मैच संबंधी नहीं था तो किस चीज को लेकर उन्होंने भारतीयों पर तंज कसा था।
यहाँ बता दें कि राधिका ने कल भारत-पाक मैच के ठीक बाद एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा था “क्यों भक्तों? आ गया स्वाद? करवा ली बेइज्जी।” इस ट्वीट के बाद तमाम सोशल मीडिया यूजर उनपर गुस्सा उतारने लगे। ट्वीट की टाइमिंग देखते हुए सबने इसे मैच से ही जोड़ा और उन्हें बताने लगे कि भारतीय टीम सिर्फ भक्तों की नहीं है बल्कि सभी की है। लेकिन राधिका इस पर कुछ नहीं बोलीं।
कुछ देर बाद अपने इसी ट्वीट पर आई प्रतिक्रियाँ को देखते हुए राधिका ने अगला ट्वीट किया। इसमें उन्होंने कहा, “बेवकूफ भक्त और मालवीया के दो रुपए ट्रोल, तुमको मेरी ट्वीट से मिर्ची लग रही है तो मैं क्या करूँ? मैं तो चली सोने तुम अपना खून जलाते रहो!”
देखने वाली बात ये है कि राधिका चाहतीं तो इस गलतफहमी को वहीं खत्म कर सकती थीं। लेकिन उन्होंने न ऐसा किया बल्कि लोगों के ट्वीट पर उन्हें जवाब देते हुए इस अंदेशे को बढ़ाया कि उनका पहला ट्वीट भारत पाक मैच को लेकर ही था।
यहाँ तक उनसे जब उन्हीं की पार्टी के एक साथी ने कहा कि वो भक्तों की टीम नहीं थी। पूरे भारत की थी। तो भी राधिका खेरा ने जरूरी नहीं समझा कि वो उन्हें तो समझा दें कि वो क्या कहना चाहती हैं। लेकिन उन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म पर किए गए ट्वीट पर कोई सफाई या उसका संदर्भ देने की बजाय उसमें कन्फ्यूजन को बनाए रखा और मयूर शेखर झा से कहा कि वो उन्हें ज्ञान न दें। नतीजन अधिकांश लोगों द्वारा उन्हें इस तरह पाकिस्तान की जीत पर और भारत की हार पर खुशी मनाने के लिए भला-बुरा कहा गया।
जब सुबह मीडिया ने इस ट्वीट और उसपर आने वाली प्रतिक्रिया पर अपनी रिपोर्ट की तो एक यूजर ने उन्हें सलाह दी कि उन्हें इस मामले में शिकायत करनी चाहिए। तब जाकर राधिका खेरा ने बताया कि वो लीगल एक्शन लेंगी कि उनके ट्वीट को ट्विस्ट और टर्न किया गया यानी उसे तोड़-मरोड़ कर गलत तरह से पेश किया गया जबकि उन्होंने तो क्रिकेट को लेकर कुछ कहा ही नहीं और न ही किसी की जीत हार पर बोला। लेकिन झूठ और छल भाजपा और प्रायोजित मीडिया का कर्म और धर्म है!
इस बाबत राधिका ने इंडियन एक्सप्रेस के अर्पित आलोक शर्मा को भी सफाई दी क्योंकि उन्होंने भी सवाल किया था कि आखिर भारत की हार को ‘अंधभक्तों’ से जोड़कर कैसे देखा जा सकता है। इस पर राधिका ने उन्हें जवाब दिया कि अंधभक्ति में इतना लीन न हों कि सवाल आपकी प्रकाशन की निष्पक्ष पत्रकारिता पर उठे। इसके बाद टाइम्स नाऊ के पत्रकार को भी सवाल पूछने पर भाजपा प्रवक्ता करार दे दिया गया।
यहाँ बता दें कि राधिका खेरा ने कॉन्ग्रेस पार्टी की ओर से दिल्ली की जनकपुरी वेस्ट की सीट पर साल 2020 में विधायकी का चुनाव लड़ा था। जहाँ उन्हें मात्र 2, 084 (1.67%) वोट मिले थे और उनकी जमानत जब्त हो गई थी जबकि aap के राजेश ऋषि को 67, 968 वोट के साथ विजय मिली थी।
She was the Congress candidate from Janakpuri West in 2020 Delhi Assembly Elections. The number of Quoted Tweets she has on this tweet is twice the number of votes she got in the election. 😂 pic.twitter.com/rpvd6WmbD9
— Shubhendu (@BBTheorist) October 25, 2021