ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों द्वारा देश के लिए मेडल लाने के बाद अब टोक्यो पैरालंपिक गेम्स 2020 में भारतीय पैरालंपिक खिलाड़ियों ने कई मेडल्स जीते हैं। पैरालंपियन खिलाड़ियों ने अब तक 16 मेडल्स हासिल किए हैं, जो कि 1960- से वर्ष 2016 तक जीते गए 12 मेडल्स की तुलना में कहीं अधिक हैं। इसी को लेकर सोशल मीडिया पर लोग तंज कसते हुए पूर्व प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू को धन्यवाद दे रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल पैरालंपिक्स खेल 2020 में भाविना पटेल ने टेबल टेनिस में सिल्वर मेडल, हाई जम्प में निषाद कुमार ने सिल्वर मेडल, अवनी लेखारा ने 10 मीटर राइफल शूटिंग में गोल्ड, जैवेलिन थ्रो में देवेंद्र झाझरिया ने सिल्वर, सुंदर सिंह गुर्जर ने जैवेलिन थ्रो में कांस्य, योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर, सुमित अंतिल ने जैवेलिन थ्रो में गोल्ड मेडल, सिंहराज अधाना ने शूटिंग कांस्य, मरियप्पन थंगावेलू ने मेन्स हाई जम्प में सिल्वर, शरद कुमार ने भी पुरुषों के हाई जम्प में कांस्य, प्रवीन कुमार ने पुरुषों के हाई जम्प में सिल्वर, अवनी लेखारा ने महिलाओं के 50 मीटर राइफल शूटिंग में कांस्य पदक, हरविंदर सिंह ने आर्चरी में कांस्य पदक जीता है। इसके अलावा प्रमोद भगत ने पहली बार बैडमिंटन में गोल्ड मेडल हासिल किया है। इसी के साथ भारत ने टोक्यो पैरालंपिक-2020 खेलों में अब तक कुल 17 मेडल हासिल कर लिए हैं।
भारतीय पैरालंपियन खिलाड़ियों द्वारा टोक्यो पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन को लेकर फर्रागो अब्दुल्ला नाम के यूजर ने आँकड़े शेयर किए और पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू को इसके लिए धन्यवाद दिया।
No. of Medals in Paralympics from 1960-2016 : 12
— Farrago Abdullah (@abdullah_0mar) September 4, 2021
No. of Medals in Paralympics 2020 in Tokyo: 15*
Thanks to Nehru for this awesome achievement.
इस पर ट्रैवेलिंग नाम के यूजर में भारतीय खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन के लिए मोदी सरकार को श्रेय दिया और कहा कि मोदी सरकार ने खेल पर ध्यान दिया है जिस कारण से भारत ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया है। अन्यथा दूसरे तो भारतीय खिलाड़ियों को केवल भोजन-पानी और आवास में उलझाकर रखते थे। क्योंकि इससे सत्ता के लिए खतरा कम रहता।
It’s only Modi government, focus on sports.
— Travelling (@Traveli37209171) September 4, 2021
Others only wanted Indians to be entangled in Food water and shelter and never let Indians think beyond this!
Maslow’s Hierarchy of Needs, let Indians be busy in lowest level of needs, Physiological only. Less threat to power then.
अरुन सिंह इंडियन नाम के यूजर ने पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गाँधी पर निशाना साधते हुए कहा, “80 के दशक में दिल्ली में हुए एशियन गेम्स में एक भारतीय एथलीट ने गोल्ड जीता और राजीव गाँधी अखाड़े में उतरे। उनके एक चमचे ने एथलीट को उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेने के लिए मजबूर किया। वह कॉन्ग्रेसी तरीके से एथलीट को दिया गया प्रोत्साहन था।”
In Asian games held in Delhi in the 80s, an Indian athlete won gold and Pappu’s papa entered the arena. One of his chamchas forced the athlete to seek blessings by touching pappu ke papa’s feet. This is the encouragement given to athletes CONgress style.
— Arun Singh Indian (@ArunNutan) September 4, 2021
इस बीच एक अन्य यूजर ने चेतन भगत के हालिया बयान को लेकर उनके मजे लेते हुए कहा कि इसके लिए उन्हें धन्यवाद दिया जाना चाहिए कि उन्होंने पीएम मोदी को खेलों के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित किया।
Thanks to @chetan_bhagat for his inspiring words that made @narendramodi think about TOPS and was finally implemented by @KirenRijiju and @ianuragthakur @Media_SAI should have a weekly column by Chetya and how @pfizer can help in getting more medals.
— Amateur_Professional (@RishiAr95638872) September 4, 2021
राहुल देव नाम के यूजर ने खेल रत्न अवार्ड से राजीव गाँधी के नाम हटाने को भारत के मेडल जीतने से जोड़ा।
Panoti ka naam hatte hi medal’s aana start ho gaya 😁
— Rahul Dev (@DEVRAHULCSE) September 4, 2021