कुंभ 1954 के दूसरे शाही स्नान (मौनी अमावस्या) में खुद नेहरू के शामिल होने के फैसले ने प्रयाग में लाशों के ढेर लगा दिए। भगदड़ में करीब 1000 लोगों की जान गई।
हजारों लोगों ने ताली बजा कर उसकी प्रशंसा की, 'वाह-वाह' से कॉन्ग्रेस का सत्र गूँज उठा। खुले सत्र में उसे सम्मानित किए जाने की भी बात की गई। लेकिन, तभी पता चला कि किशन सिंह नामक वो राजपूत युवक RSS से जुड़ा हुआ है।