Wednesday, November 20, 2024
Homeसोशल ट्रेंडNDTV के पूर्व पत्रकार ने शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे पर की अपमानजनक टिप्पणी, चैनल...

NDTV के पूर्व पत्रकार ने शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे पर की अपमानजनक टिप्पणी, चैनल की भी उधेड़ी बखिया, ये है मामला

नदीम काजमी ने लिखा, “मामला विचाराधीन है। अदालत में पेश नहीं होने पर एनडीटीवी पर 10 हजार जुर्माना लगाया गया है कृपया अपने वकीलों से पता करें। धन्यवाद।"

महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच पत्रकार नदीम अहमद काजमी ने ट्विटर पर शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे का अपमान किया और उनका मजाक उड़ाया। हालाँकि, जब यह बताया गया कि वह NDTV के लिए काम नहीं करता है, तो पत्रकार अपने पूर्व चैनल की ही बखिया उधेड़ने लगा। दरअसल, काजमी इस वक्त एनडीटीवी में काम नहीं करते हैं। चैनल ने उन्हें (काजमी) वर्ष 2017 में ही निकाल दिया था, लेकिन उनके ट्विटर बायो में अभी भी वर्किंग विद एनडीटीवी लिखा हुआ है, जिससे किसी को भी भ्रम हो सकता है कि वह इस विवादास्पद चैनल के लिए काम कर रहे हैं।

नदीम अहमद काजमी ने बुधवार (22 जून 2022) को शिंदे के खिलाफ एक अपमानजनक ट्वीट किया था, जो इस वक्त अपने सभी विधायकों के साथ असम के गुवाहाटी में रेडिसन ब्लू होटल में डेरा जमाए हुए हैं। पत्रकार ने ट्वीट किया, “शालीनता मायने रखती है… शिंदे फिर से एक ऑटो चालक बनेंगे… बस मेरे शब्दों पर गौर करें।”

एनडीटीवी के तथाकथित पूर्व पत्रकार ने शिंदे को नीचा दिखाने के लिए उनके अतीत का सहारा लिया। एकनाथ शिंदे कभी मुंबई से सटे ठाणे शहर में एक ऑटो-रिक्शा चालक थे। 1980 में, वह शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे से प्रभावित हुए थे। वह राज्य की राजनीति में अपनी सफलता के पीछे पार्टी संस्थापक बाला साहेब ठाकरे का कई बार आभार जता चुके हैं। शिंदे ने एक कार्यकर्ता के रूप में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। वह अपने संगठनात्मक कौशल और जनसमर्थन के बल पर शिवसेना के शीर्ष नेताओं में शुमार हो गए। चार बार विधायक रह चुके शिंदे, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में शहरी विकास और पीडब्ल्यूडी विभागों को संभालते हैं। 58 वर्षीय शिंदे ने राजनीति में कदम रखने के बाद बेहद कम समय में महाराष्ट्र के ठाणे-पालघर में शिवसेना के प्रमुख नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई। उन्हें जनता से जुड़े मुद्दों को आक्रामक तरीके से उठाने के लिए पहचाना जाता है।

एक यूजर वरुण शर्मा (@LogicalHindu_) ने अपने ट्विटर हैंडल पर काजमी के ट्विटर बायो के स्क्रीनशॉट के साथ उसका अपमानजनक ट्वीट का स्क्रीनशॉट साझा किया है। इस बायो में वह खुद को अभी भी एनडीटीवी का पत्रकार बताता है। वरुण शर्मा ने चैनल की एडिटोरियल डायरेक्टर सोनिया सिंह, कंसल्टिंग एडिटर निधि राजदान और न्यूज एंकर गार्गी रावत अंसारी को टैग करते हुए लिखा, “नदीम काजमी NDTV के पत्रकार हैं। अपने साथियों को शालीनता, शिष्टाचार और नैतिकता सिखाने वाली सोनिया सिंह, निधि राजदान और गार्गी रावत आप पर गर्व है।”

ट्विटर यूजर वरुण शर्मा ने अपने दूसरे ट्वीट में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया को टैग करते हुए पूछा कि क्या वे अपने महासचिव नदीम अहमद काजमी द्वारा की गई टिप्पणी का समर्थन करते हैं।

NDTV की एडिटोरियल डायरेक्टर सोनिया सिंह ने वरुण शर्मा के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, “नदीम अहमद काज़मी 2017 से एनडीटीवी के साथ नहीं हैं।”

सोनिया सिंह के जवाब से काजमी का चैनल को लेकर पुराना जख्म फिर से ताजा हो गया और उन्होंने एनडीटीवी के लिए बेहद निम्नस्तरीय भाषा का प्रयोग किया। काजमी ने लिखा, “मामला विचाराधीन है। अदालत में पेश नहीं होने पर एनडीटीवी पर 10 हजार जुर्माना लगाया गया है कृपया अपने वकीलों से पता करें। धन्यवाद।” एक अन्य ट्विटर यूजर ने उनसे पूछा कि उनके और एनडीटीवी के बीच ऐसा क्या गलत हुआ है? इस पर काजमी ने दावा किया कि 2017 में चैनल ने ​उन्हें निकाल दिया था, जबकि उन्होंने दो दशक तक चैनल में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया।

वह यही नहीं रुके उन्होंने अपने दर्द बयाँ करते हुए आगे कहा, “मैं संस्थान के साथ पूरी ईमानदारी के साथ 2 दशक तक मजबूती से खड़ा रहा। अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हटा। लेकिन आप जानते हैं.. उस वक्त मुझे बहुत कष्ट हुआ जब मुझे दिल्ली छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। 58 साल की उम्र में जीवन के अंतिम पड़ाव पर मेरे पास आय का कोई साधन नहीं है।”

नदीम अहमद काज़मी के ट्विटर बायो का स्क्रीनशॉट

काजमी ने खुद शिकायत की थी कि चैनल ने उन्हें गलत तरीके से निकाल दिया था। ऐसे में यह बेहद हैरान करने वाली बात है कि वह फिर भी खुद को एनडीटीवी का पत्रकार बताते हैं। उनके ट्विटर बायो में 2017 के बाद से यानी 5 सालों से एनडीटीवी लिखा हुआ है। यही नहीं उनके लिंक्डइन प्रोफाइल में भी लिखा है कि वह ‘एनडीटीवी में असाइनमेंट‘ पर हैं।

नदीम काजमी के लिंक्डइन प्रोफाइल का स्क्रीनशॉट।

बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे से लेकर उद्धव ठाकरे के खास मानें जाने वाले एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे का सारा खेल बिगाड़ दिया है। विधायकों के पाला बदलने से शिवसेना प्रमुख एक तरफ छटपटा रहे हैं और विधायकों की तलाश में मुंबई का चप्पा-चप्पा छान मार रहे हैं। उद्धव ठाकरे की नाक के नीचे से निकल बागी नेता एकनाथ शिंदे के खेमे में शामिल हो रहे हैं, लेकिन शिवसेना प्रमुख को इसकी भनक भी नहीं लग पा रही है। इस बौखलाहट में शिवसेना को समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करें और क्या बोले? शिवसेना ने अपने मुख पत्र ‘सामना’ के संपादकीय में मौजूदा सियासी तूफान को ‘स्वप्न दोष’ की तरह बताया है। पार्टी ने अपने बागियों को चेताया है कि समय रहते सावधान हो जाएँ, वरना उन्हें कचरे में फेंक दिया जाएगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेश बॉर्डर से सटा जिला, भूमि माँ लक्ष्मी की, नाम रख दिया गया करीमगंज… CM हिमंत बिस्व सरमा ने बदल दिया नाम: अब जाना...

असम को उसके ऐतिहासिक मूल्यों से जोड़ने की कोशिश बताते हुए CM हिमंत बिस्व सरमा ने करीमगंज जिले का नाम बदल कर श्रीभूमि किया

पत्थरबाजों को छिपाया, UP पुलिस को किया बदनाम: अखिलेश यादव ने डाली कटी हुई वीडियो, जानिए क्यों मीरापुर में खाकी को ताननी पड़ी पिस्टल

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मीरापुर विधानसभा उपचुनाव की आधी-अधूरी वीडियो शेयर की। मुजफ्फरनगर पुलिस ने इसका पूरा सच बताया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -