Friday, November 15, 2024
Homeसोशल ट्रेंडहरामखोर = नॉटी: संजय राउत ने दी सफाई, लोगों ने बोला - 'आप भी...

हरामखोर = नॉटी: संजय राउत ने दी सफाई, लोगों ने बोला – ‘आप भी कम नॉटी नहीं’

"संजय राउत जी भी कुछ कम नॉटी नहीं हैं... संजय राउत की परिभाषा के हिसाब से हरामखोर का मतलब नॉटी बताकर उन्होंने बहुत ही 'हरामखोर' जवाब दिया है।"

कंगना रनौत और संजय राउत के बीच चल रही जुबानी जंग अब सोशल मीडिया पर सभी के लिए बहस का विषय बन गई है। ऐसे में संजय राउत ने अपनी ‘हरामखोर’ वाली टिप्पणी पर स्पष्टीकरण पेश किया है। उनका कहना है कि उन्होंने कंगना रनौत को हरामखोर इसलिए बोला था क्योंकि इसके मायने महाराष्ट्र में अलग हैं। राउत के अनुसार हरामखोर का मतलब वहाँ नॉटी या बेईमान होता है।

संजय राउत ने कंगना को केंद्र से मिली सुरक्षा पर कहा कि महाराष्ट्र की छवि बिगाड़ने की कोशिश की गई है। उन्होंने मुंबई पुलिस को क्रेडिट देते हुए कहा कि मुंबई पुलिस की वजह से बॉलीवुड से अंडरवर्ल्ड का सफाया हुआ है।

संजय राउत ने बोला, “अगर महाराष्ट्र सरकार नहीं दे पाती सुरक्षा तो एक्टर्स मुंबई में इतने अच्छे से काम नहीं कर सकते थे। मुंबई पुलिस की वजह से सब सुरक्षित हैं। एक जमाने में अंडरवर्ल्ड का खतरा था। धमकियाँ आती थीं। मुंबई पुलिस ने सब साफ कर दिया। एक व्यक्ति चाहे महिला हो या पुरुष कलाकार, वो पूरी इंडस्ट्री नहीं है।”

उन्होंने कहा, “100 साल के इतिहास में किसी ने ऐसी (कंगना जैसी) बात नहीं की है। अगर आपके पास ड्रग्स को लेकर जानकारी है तो आप पुलिस को बताओ। मुंबई पुलिस को बताओ, अपने शहर की पुलिस के पास जाओ। आपके तो रिश्ते भारतीय जनता पार्टी से भी अच्छे हैं तो दिल्ली में जाकर शिकायत करो।”

वह कहते हैं कि उनके ख़िलाफ़ एक पॉलिटिकल पार्टी माहौल बनाना चाहती है। मगर वह उसका भी स्वागत करते हैं। उन्होंने अपनी बात साबित करने के लिए कुछ पुराने उदाहरण दिए। उन्होंने कहा, ” मुझे मालूम है कि इस मामले में शाहरुख खान की बात आई थी, आमिर खान की पत्नी की बात आई थी, मेरी पार्टी शिव सेना और मैंने स्टैंड लिया। आप अपनी भाषा में कोई माहौल बनाना चाहते हो तो वो अलग बात है।”

वह बोलते हैं, “मेरा हरामखोर कहने से वो मतलब नहीं था। हमारे महाराष्ट्र में ‘तू हरामखोर है’ का मतलब है कि नॉटी है, बेईमान है। कंगना दोनों है। मेरे हिसाब से वे नॉटी गर्ल हैं। मैंने देखा है कि वो मजा-मजाक करती हैं। और कोई भी लड़की मुंबई में रहती है, अगर देश के साथ ऐसा करती है। तो मैं कहता हूँ कि वो बेईमान है।”

गौरतलब है कि संजय राउत की इस टिप्पणी के बाद अब सोशल मीडिया यूजर्स ने उनकी चुटकी लेनी शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश के भाजपा नेता विश्वास सारंग लिखते हैं, “संजय राउत की अति मासूम सफ़ाई बिल्कुल उस तरह की लग रही है, जैसे बच्चों की तरफ़ से शादी के कार्ड में लिखवाया जाता है -हमाले चाचा की शादी में जलूल-जलूल आना।”

भाजपा यूथ विंग के राष्ट्रीय सचिव सौरभ चौधरी लिखते हैं, “अगर अब आप किसी भी सोनिया सेना के नेता को हरामखोर कहेंगे तो वो बुरा नहीं मानेंगे क्योंकि आज ही उनके टट्टू संजय राउत ने उसका मतलब बताया कि उनकी पार्टी में नॉटी समझा जाता है। तो पप्पू के काका एक बार उद्धव ठाकरे और राहुल गाँधी को भी बोलो न नॉटी…प्लीज।”

पत्रकार सुशांत सिन्हा लिखते हैं, “संजय राउत की परिभाषा के हिसाब से हरामखोर का मतलब नॉटी बताकर उन्होंने बहुत ही ‘हरामखोर’ जवाब दिया है।”

इसी तरह पत्रकार रोहित सरदाना लिखते हैं, “हरामखोर=नॉटी। बेवजगह का बवाल बनाया। नॉटी गर्ल! संजय राउत ने मजाक करने की कंगना की आदत की वजह से ऐसा कहा था।”

कार्टूनिस्ट मंजुल लिखते हैं, “संजय राउत जी भी कुछ कम नॉटी नहीं हैं।” वहीं, भाजपा से जुड़े रवि राणा इस टिप्पणी पर संजय राउत से पूछते हैं कि संजय राउत कौन से स्कूल में शिक्षा ली है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

थीसिस पेश करने से लेकर, डिग्री पूरी होने तक… जानें जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ होता है कैसा बर्ताव, सामने आई रिपोर्ट

'कॉल फॉर जस्टिस' की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट से पता चलता है कि जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ न केवल भेदभाव हुआ बल्कि उन्हें धर्मांतरण के लिए उकसाया भी गया।

बांग्लादेश में संविधान का ‘खतना’: सेक्युलर, समाजवादी जैसे शब्द हटाओ, मुजीब से राष्ट्रपिता का दर्जा भी छीनो – सबसे बड़े सरकारी वकील ने दिया...

युनुस सरकार बांग्लादेश के संविधान से 'सेक्युलर' शब्द निकालने की तैयारी कर रही है। इसे इस्लामीकरण की दिशा में एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -